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रामपुर। डेंगू व मलेरिया के रोगियों की संख्या कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और निजी पैथोलॉजी लैब संचालकों में गठजोड़ चल रहा है। निजी लैबों पर हर रोज सैकड़ों की तादात में लोग डेंगू व मलेरिया पॉजीटिव तो आ रहे हैं, लेकिन इनकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के यूडीएसपी पोर्टल पर न के बराबर दर्ज की जा रही है। इसमें लैब संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार दो माह में जिले में अब तक डेंगू के 253 और मलेरिया के 81 मामले आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के यूडीएसपी यानी यूनीफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल पर निजी लैबों में डेंगू-मलेरिया के पॉजीटिव आने वाले लोगों की जानकारी दर्ज की जाती है। स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देश हैं कि पैथोलॉजी पर बुखार पीड़ित की जांच के बाद अगर डेंगू की रिपोर्ट पॉजीटिव आए तो उसकी जानकारी विभाग को दें। इसके साथ डेंगू एलाइजा की जांच को सैंपल दें। एलाइजा जांच की सुविधा केवल जिला अस्पताल में है। खास बात यह है कि मच्छर जनित बीमारियों के इस दौर में निजी लैबों पर जांच कराने पर हर तीसरे व्यक्ति को मलेरिया अथवा डेंगू की पुष्टि हो रही है। जिले में हर रोज 100 से 150 लोगों की जांच रिपोर्ट में डेंगू अथवा मलेरिया आ रहा है। मगर इसकी जानकारी यूडीएसपी पोर्टल पर दर्ज नहीं हो रही है। पोर्टल पर केवल वे ही आंकड़े दर्ज हो रहे हैं जो सरकारी अस्पतालों में जांच रिपोर्ट में पुष्ट हो रहे हैं। ऐसे में साफ है या तो जिले में काफी संख्या में पैथोलॉजी लैब अंपजीकृत तरीके से चल रही हैं या फिर लैब संचालक स्वास्थ्य अधिकारियों से गठजोड़ किए हुए बैठे हैं। विभाग की ओर से इन लैबों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में 16 पैथोलॉजी लैब का पंजीकरण है।
इंसेट
अगस्त माह से पहले डेंगू व मलेरिया की निगरानी के लिए यह पोर्टल बनाया गया था। इसकी शासन स्तर से लखनऊ से सीधा निगरानी की जा रही है। इस पोर्टल पर निजी लैबों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में पुष्ट हुए रोगियों का विवरण दर्ज करता है।
बयान
सभी लैब संचालकों को यह निर्देश दिए हैं कि डेंगू व मलेरिया पॉजीटिव आने वाले रोगियों की जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें। जिससे इसको यूडीएसपी पोर्टल पर दर्ज कराया जा सके। इसमें जो भी अस्पताल या लैब संचालक लापरवाही कर रहे हैं, उनको नोटिस जारी होगा।
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