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हवा में उनके द्वारा किए गए करतब पर वहां मौजूद स्कूली बच्चों ने तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया। इस दौरान एएन 32 विमान से 10 पैराजंपर 8 हजार मीटर की ऊंचाई से कूदे। कलरफुल पैराजंपर दर्शकों के सामने उतरे तो लोग रोमांचित हो गए। लोगों ने उनका तालियों से जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र गरुण कमांडो की परेड रही। इस बीच पांच गरुड़ कमांडो हेलीकॉप्टर के नीचे बंधी रस्सी के सहारे लटकत क भी नजर आए।
परेड के दौरान तीन सूर्य किरण हेलीकॉप्टर वहां से तिरंगा धुआं छोड़ते हुए निकले। इन विमान के निकलते ही वहां बैठे हर एक शख्स ने ताली बजाकर अभिवादन किया। वायु योद्धाओं ने अपनी राइफल से भी तमाम करतब दिखाए। उन्होंने दिखाया कि अनुशासन और ड्रिल भारतीय वायु सेवा की जीवन शैली है।
इसके पूर्व वायु योद्धाओं ने परेड भी कि। उनके सलामी एयर मार्शल मध्य वायु कमान मुख्यालय ने ली। खास बात यह रही की परेड में महिला अग्नि वीर भी शामिल हुई। इनकी संख्या 31 रही। परेड में वायु सेवा की झंडा बदलने की भी परंपरा इस बार शुरू हुई। अब 8 तारीख को आयोजित एयर शो में वायु सेवा अध्यक्ष भी इस परंपरा का निर्वाहन करेंगे।
हवा में करतब दिखाते वायु सेना के जांबाज।
हवा में करतब दिखाते वायु सेना के जांबाज।
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