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![गोरखपुर विश्वविद्यालय में बवाल: पकड़ो...पकड़ो...भाग रहे कुलपति.. फिर खूब चले लात-घूंसे Uproar in DDU stundent attack on university VC police removed](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/07/22/750x506/garakhapara-vashavavathayalya-ma-bval_1690001591.jpeg?w=414&dpr=1.0)
गोरखपुर विश्वविद्यालय में बवाल।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
पिछले तीन दिनों की तरह ही शुक्रवार की सुबह भी छात्र धरने पर थे। सुबह दस बजे एबीवीपी से जुड़े लोग भी आए और धरने पर बैठ गए। करीब डेढ़ घंटे तक अपने मुखिया (कुलपति) को बुलाने पर छात्र अड़े थे। इस बीच आए कुलपति सीधे अपने कार्यालय में जाकर बैठ गए। इस पर छात्रों का गुस्सा भड़का, मगर कुछ लोगों ने समझाया और एक बार फिर छात्र वहां से उठकर कुलपति कार्यालय के नीचे धरने पर बैठ गए।
मांगों को दोहराया और कहा कि कुलपति जी आइए, हमारी बात सुन लीजिए, हम आप के ही छात्र हैं। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बल्कि कुलपति कार्यालय से निकलकर सीधे गाड़ी की ओर जाना चाहते थे। उनका रुख देखकर छात्र भड़क गए और सारी हदें पार कर दीं। पीछे से एक आवाज लगाई… पकड़ो…पकड़ो.. फिर भाग रहे हैं कुलपति जी।
दोपहर 3.30 बजे कुलपति ने खुद निकलने से पहले पुलिस बुला ली थी। पहले एक गाड़ी पहुंची थी। फिर सीओ आ गए और देखते ही देखते परिसर में पुलिसवालों की भीड़ लग गई। छात्रों को पहले लगा कि पुलिस कुलपति से मिलाएगी, लेकिन पुलिसवालों की भीड़ से कुछ छात्रों ने अंदाजा लगा लिया था कि कुलपति जी सीधे चले जाएंगे। शाम 06.32 बजे : हिरासत में लिए छात्र अर्पित की तबीयत खराब हो गई, आनन फानन अस्पताल भेजा गया।
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यही वजह थी कि छात्र उग्र हो गए और लात-घूंसे चलने लगे। फिर क्या, न कुलपति बचे और कुलसचिव न इन दोनों को बचाने के लिए आए सीओ व पुलिस ही बच पाई। सब पीटे, कोई कम, कोई ज्यादा।
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