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![घोसी में उपचुनाव: सपा और 'इंडिया' के लिए प्रतिष्ठा का सवाल, दिग्गजों से डाला डेरा, जाएंगे अखिलेश यादव Ghosi bypoll: A prestige question for the SP and India alliance](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/07/17/750x506/dara-singh_1689552952.jpeg?w=414&dpr=1.0)
कभी अखिलेश के करीबी होते थे दारा सिंह।
– फोटो : सोशल मीडिया
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सपा और विपक्षी समावेशी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए घोसी की सीट अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। उसके नेता हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि यह चुनाव उनके पक्ष में रहे, ताकि इसके जरिये पूरे देश में गठबंधन की सफलता का संदेश दिया जा सके। यही वजह है कि सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 29 अगस्त को चुनाव प्रचार के लिए घोसी जाएंगे। सपा के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल और महासचिव शिवपाल सिंह यादव समेत सभी प्रमुख दिग्गज नेता वहां पहले से ही डेरा जमाए हैं।
सपा के प्रत्याशी सुधाकर सिंह को कांग्रेस, रालोद और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का भी समर्थन मिल चुका है। ये सभी ‘इंडिया’ के घटक दल हैं। सभी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने के लिए सपा प्रत्याशी को जिताने का आह्वान किया है। अगर चुनाव में जनता का फैसला सपा के पक्ष में रहा तो ‘इंडिया’ ने इसे बड़े पैमाने पर प्रचारित करने का फैसला भी किया है। जिससे कि पूरे देश को यह संदेश दिया जा सके कि यूपी में इस प्रयोग को जनता ने पसंद किया है। क्षेत्र में शिवपाल यादव कई दिनों से घर-घर जाकर संपर्क कर रहे हैं। छोटी-छोटी सभाएं कर मतदाताओं से कह रहे हैं कि यह सीट उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से भी जुड़ गई है, इसलिए पार्टी प्रत्याशी को सफलता दिलाने में कोई कसर न छोड़ें। प्रो. रामगोपाल यादव भी स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें बूथ स्तर पर वोटों के मैनेजमेंट के गुर बता रहे हैं
अखिलेश करेंगे सभा, कहेंगे कि बिना डरे करें मतदान
पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव मंगलवार को घोसी पहुंचकर सभा करेंगे। सपा लगातार कह रही है कि उनके समर्थक मतदाताओं को पुलिस-प्रशासन की मदद से बूथ तक आने से रोका जाता है। इसलिए अखिलेश घोसी की धरती से आह्वान करेंगे कि बिना डरे मतदान करें। अगर कहीं कोई रोके तो तत्काल सूचना दें, ताकि ‘इंडिया’ के नेता हर फोरम पर इस मुद्दे को तत्काल उठा सकें। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कार्यकर्ताओं में भी जोश भरेंगे कि यह सिर्फ एक सीट का उपचुनाव नहीं है, बल्कि इसका संदेश लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी दूर तक जाएगा।
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