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मुरादाबाद में डेंगू का डंक: बीजना में 20 से अधिक मरीज मिले, 50 से ज्यादा लोगों को बुखार, मौत के बाद जागा विभाग

मुरादाबाद में डेंगू का डंक: बीजना में 20 से अधिक मरीज मिले, 50 से ज्यादा लोगों को बुखार, मौत के बाद जागा विभाग

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More than 20 dengue patients found Moradabad Bijna, more than 50 people have fever

मुरादाबाद में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीज
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


मुरादाबाद जिले में डेंगू ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। इस घातक संक्रामक बीमारी के 20 मरीज बीजना गांव में मिले हैं। यह गांव मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा मार्ग पर स्थित है। स्वास्थ्य विभाग को पता तब चला जब गांव में एक बुजुर्ग महिला की किसी बीमारी के कारण मौत हो गई। उनके बाद दो और लोगों की मौत हुई।

डेंगू की दस्तक से गांव में दहशत है। इसके बाद एहतियातन गांव में सैंपलिंग कराई गई तो पता चला यहां 20 लोग डेंगू से पीड़ित हैं। इनमें से आधे निजी अस्पतालों में इलाज लेकर मरीज ठीक भी हो गए हैं। जबकि कुछ को अब भी ड्रिप चढ़ाई जा रही है।

बुधवार को सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह, डिप्टी सीएमओ डॉ. संजीव बेलवाल, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. पीएन यादव बीजना गांव पहुंचे और स्थिति जानी। ताजपुर सीएसची प्रभारी को निर्देशित कर वहां स्वास्थ्य शिविर लगवाया और गांव में फॉगिंग कराई।

अब भी गांव में 50 से ज्यादा घरों में लोग बीमार हैं। एक ही घर में दो से तीन लोगों को बुखार है। गांव निवासी अभिषेक ने बताया कि उन्हें तीन दिन लगातार बुखार आया तो 31 जुलाई को उन्होंने जांच कराई। इसमें डेंगू की पुष्टि हुई, दो दिन दवा खाने के बाद दोबारा जांच कराई तो प्लेटलेट्स 70 हजार रह गईं।

उनके बाद छोटी बहन को भी डेंगू हो गया, उसकी प्लेटलेट्स सिर्फ 40 हजार रह गई थीं। फिलहाल अभिषेक की तबीयत ठीक है लेकिन उनकी बहन मीनाक्षी बीमार है। इसी तरह 42 वर्षीय राजकुमार, उनकी बेटी दीपिका को डेंगू हुआ। राजकुमार को अब भी ड्रिप लगाई जा रही हैं। जबकि बेटी की तबीयत ठीक है।

गांव निवासी 35 वर्षीय अमित भी पांच दिन से बीमार हैं। छह अगस्त की जांच रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई है। ऐसे ही तमाम उदाहरण बीजना गांव में हैं। अब स्वास्थ्य विभाग गांव कोे अन्य लोगों की सैंपलिंग करा रहा है। शिविर लगाकर जांच की जा रही और दवा वितरित की जा रही है।

लोगों में जागरूकता की कमी बोले, फॉगिंग से फैली बीमारी

बीजना गांव के कुछ लोगों में जागरूकता का अभाव है। बुधवार को डॉक्टरों को टीम गांव में पहुंची तो कुछ लोगों ने ग्राम प्रधान राजेंद्र को घेर लिया और बोले कि तुमने जो फॉगिंग कराई थी, उसके कारण ही बीमारी फैली है। डॉक्टरों ने किसी तरह लोगों को समझाया।

वहीं गांव के कुछ लोग संसाधनों की कमी के कारण आसपास के झोलाछाप डॉक्टरों से दवा ले रहे हैं। अब सीएमओ ने कहा है कि सभी को शिविर लगाकर दवा वितरित की जाएगी। कोई भी झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में न आएं।

कई निजी लैब संचालक अब भी नहीं दे रहे जानकारी

डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया समेत 12 प्रकार की संक्रामक बीमारियों से पीड़ित मरीजों का डाटा ऑनलाइन रखने के लिए सरकार ने यूडीएसपी पोर्टल बनाया है। लैब संचालकों से कहा गया है कि इस पोर्टल पर पंजीकरण कराएं और जांच रिपोर्ट पोर्टल पर डालें। जिले के कई लैब संचालकों ने अब तक पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है।

बीजना गांव में मिले सभी 20 मरीजों के घर जाकर हमने बातचीत की है। सभी मरीजों की हालत स्थिर है, कोई गंभीर नहीं है। शिविर लगाकर गांव के लोगों की जांच की जा रही है। दवा बांटी जा रही है। – डॉ. कुलदीप सिंह, सीएमओ

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