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![यूएन को झटका!: जलवायु परिवर्तन पर बुलाई बैठक, सबसे ज्यादा उत्सर्जन करने वाले देश ही रहे गायब united nations climate ambition summit key emitters absent demand fossil fuel phase out](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/09/02/sayakata-rashhatara-sagha_1662122479.jpeg?w=414&dpr=1.0)
संयुक्त राष्ट्र संघ
– फोटो : अमर उजाला
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जलवायु महत्वकांक्षा सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन के दौरान जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल पर चरणबद्ध तरीके से रोक लगाने और नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की अपील की गई। हालांकि इस सम्मेलन में प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देश नदारद रहे। ऐसे में सम्मेलन की सार्थकता पर ही सवाल उठ रहे हैं। यह सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है, जब दुनिया में जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभाव दिख रहे हैं और साल दर साल गर्मी बढ़ती जा रही है।
प्रमुख उत्सर्जक देशों के नेता रहे अनुपस्थित
संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर हुए इस प्रमुख सम्मेलन में प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देशों के नेता ही शामिल नहीं हुए। इनमें अमेरिका और चीन के नेता भी शामिल हैं। प्रमुख उत्सर्जक देशों में ब्रिटेन, जापान, फ्रांस और भारत भी शामिल हैं। प्रमुख कार्बन उत्सर्जक देशों में सिर्फ यूरोपीय यूनियन के नेता ही सम्मेलन में मौजूद रहे। शिखर सम्मेलन से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अपने एक्सेलेरेशन एजेंडा का अनावरण किया, जिसमें कहा गया था कि केवल काम करने वालों को ही सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। इस बैठक में लगभग हर देश के प्रतिनिधि ने जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की जरूरत पर जोर दिया। यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, जर्मन चांसलर ओलाफ शुल्ज, चिली के राष्ट्रपति ग्रैब्रियल बोरिक, मार्शल द्वीप के राष्ट्रपति आदि ने तात्कालिक तौर पर जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल पर रोक की मांग की।
कनाडा के पीएम जस्टिस ट्रूडो ने भी साल के अंत तक उनके देश में तेल और गैस उत्सर्जन नियमों को सख्त कर 2030 तक मौजूदा मीथेन कटौती के लक्ष्य को बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। दुबई में होने वाले कोप28 सम्मेलन में वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने और जीवाश्म ईंधन पर चरणबद्ध तरीके से रोक पर चर्चा हो सकती है।
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