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![रामपुर क्वालिटी बार प्रकरण: मां के साथ कोर्ट में पेश हुए अब्दुल्ला आजम, तीन अक्तूबर को तय किए जा सकते हैं आरोप Rampur Quality Bar case: Abdullah Azam appeared court with mother, charges framed on October 3](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/09/28/abdullah-azam_1695890827.jpeg?w=414&dpr=1.0)
डॉ. तजीन फात्मा के साथ कोर्ट से बाहर आते पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम।
– फोटो : संवाद
विस्तार
जिला सहकारी संघ (डीसीडीएफ) की जमीन पर बने क्वालिटी बार को कब्जाने के मामले में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां की पत्नी डाॅ. तंजीन फात्मा और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम बुधवार को कोर्ट में पेश हुए, जहां पर कोर्ट ने उन्हें मुकदमे की कॉपी दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन अक्तूबर को होगी।
तभी उन पर आरोप तय किए जा सकते हैं। बीपी काॅलोनी निवासी गगन अरोड़ा की ओर 2019 मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें कहा था कि विकास भवन के निकट डीसीडीएफ की दुकान में उनका क्वालिटी बार संचालित था। यह दुकान करीब 60 सालों से उनके परिवार के पास थी, जिसका 2820 रुपये प्रति वर्ष की दर से किराया सहकारी संघ में जमा किया जाता था।
उनके द्वारा 31 सितंबर 2013 तक का किराया भी जिला सहकारी संघ में जमा कर दिया गया था, लेकिन 2013 में प्रदेश में सपा की सरकार थी। मुकदमे में आरोप है कि 13 फरवरी 2013 को तत्कालीन मंत्री आजम खां के साथ सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन चेयरमैन मास्टर जाफर और संघ के सचिव कामिल खां दुकान पर आए और आते ही दुकान का सामान फेंकना शुरू कर दिया।
दुकान का सामान सड़क पर फेंक दिया और गल्ले से 16500 रुपये भी लूट लिए गए। इस मामले में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के साथ ही उनकी पत्नी डाॅ. तजीन फात्मा व अब्दुल्ला आजम को भी आरोपी बनाया गया था। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान डाॅ. तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान कोर्ट की ओर से मुकदमे की कॉपी उन्हें दी गईं। कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए तीन अक्तूबर की तारीख तय की है।
सेना पर अभद्र टिप्पणी मामले में नहीं हुई सुनवाई
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां द्वारा सेना पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट में गवाह नहीं पहुंचा। इसके चलते सुनवाई नहीं हो सकी। अब 10 अक्तूबर को मामले की सुनवाई होगी। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में कुछ साल पहले सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के खिलाफ सेना के जवानों पर अभद्र टिप्पणी करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
बुुधवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में इसकी सुनवाई होनी थी, लेकिन गवाह के न पहुंचने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले की सुनवाई 10 अक्तूबर को होगी। वहीं दूसरी ओर डूंगरपुर प्रकरण में विवेचक दरोगा आरके गौतम की जिरह बुुधवार को भी पूरी नहीं हो सकी। इस मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
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