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अल्जाइमर, भूलने की बीमारी
– फोटो : सोशल मीडिया
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अल्जाइमर, भूलने की एक ऐसी बीमारी है, जिसके होने की सही वजह के बारे में अभी तक पता नहीं लग सका है। यह बीमारी ज्यादातर 60 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों में होती है, जिसमें लोग डिमेंशिया यानि भूलने की आदत के शिकार हो जाते हैं। मानसिक रोग विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ढलती उम्र में भी अपने छोटे छोटे काम खुद करें और जिंदादिली से जीएं तो इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अल्जाइमर के शिकार लोग घर का पता, मोबाइल नंबर, बैंक सम्बन्धी कार्य, नित्य क्रिया के साथ बहुत सारी ऐसी चीजें भूल जाते हैं जिनसे उनकी जिंदगी खासा प्रभावित होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ इस बीमारी का खतरा बढ़ता जाता है।
शहर में विभिन्न विशेषज्ञों के पास इसके रोजाना दर्जनों मरीज पहुंच रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक अल्जाइमर के मेरठ जिले में करीब सात हजार मरीज़ हैं। लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है।
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