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![सराफ करोबारी संग ठगी: बोला- मत मारी गई थी, परिचित पर भरोसा करके फंसा; अब हो गया कर्जदार Saraf Santosh Kumar became victim of forgery in greed of taking gold coins](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/03/31/750x506/gold-coin_1648748849.jpeg?w=414&dpr=1.0)
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
क्या कहूं, मेरी मत मारी गई थी। बैंक के एक परिचित कर्मचारी के भरोसे में आ गया। उन्होंने पहले भी मदद की थी। इसलिए भरोसा कर बैठा। मन में कुछ लालच भी था कि अच्छा मुनाफा मिल रहा है। दुकान खोलने के लिए पहले से ही बैंक का कर्ज था। अब सोने के सिक्के के लालच में इधर-उधर से जुटाए 12 लाख रुपये भी डूब गए। पहले से ही कर्जदार था, अब और चढ़ गया।
जालसाजों से 12 लाख रुपये की ठगी का शिकार हुए सराफ संतोष कुमार अब अपनी गलती पर पछतावा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ उधार और बैंक से चार लाख रुपये लोन लेकर वर्ष 2016 में शाहपुर में दुकान खोली थी। उनके एक जानने वाले बैंक कर्मी ने बताया कि उनके परिचित के पास सोने का सिक्का है। उन्हें इस समय रुपयों की जरूरत है तो उनकी बातों में आ गया। एक सिक्का लेने के बाद उन्होंने उसे हिंदी बाजार में ले जाकर बेचा था तो थोड़ा मुनाफा मिला। फिर बैंक और दूसरे जगहों से रुपयों का इंतजाम किया और कुछ सोने का इंतजाम कर उसे बेचा।
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उन्होंने बताया कि 12 लाख रुपये बड़ी मुश्किल से इकट्ठा किया और फिर लेकर उनवल चला गया। ठगों ने एक हाथ से रुपयों से भरा बैग देने को कहा और दूसरे हाथ से सोने के सिक्कों से भरा बैग दिया। बैग लेने के बाद लगा कि मुनाफा कमाकर पुराने कर्ज चुका दूंगा, लेकिन ठगी का अहसास तब हुआ तब रास्ते में सिक्के रगड़ कर देखा तो वह नकली निकला। इसके बाद तत्काल पुलिस को घटना की जानकारी दी। अपने परिचित बैंक कर्मचारी से भी संपर्क किया, लेकिन नहीं हो पाया।
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