[ad_1]
भाजपा लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सामाजिक समरसता को इसलिए आगे बढ़ा रही है, ताकि गरीब और कमजोर वर्गों के लोगों के बीच जातीय भेदभाव को लेकर बनी हीन भावना को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके। क्षेत्रवार अनुसूचित जाति सम्मेलनों के साथ ही गांवों में समरसता अभियान और इस वर्ग के उत्थान की योजनाएं इसी रणनीति का हिस्सा हैं।
भाजपा।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
भाजपा लोकसभा चुनाव में यूपी फतह के लिए पंच प्रण के सिद्धांत को आगे बढ़ा रही है। इसमें सामाजिक समरसता जातिगत समीकरणों को साधने के लिए सबसे अहम एजेंडे के रूप में सामने है। कहा जा रहा है कि समरसता के जरिये फिलहाल पार्टी की नजर बसपा के वोट बैंक पर है। इसके लिए अनुसूचित जाति मोर्चा के नेताओं के साथ पार्टी के पदाधिकारी गांवों में कैंप कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के कामों को गिना रहे हैं।
इसके साथ ही बाबा साहेब के आदर्शों का भी बखान किया जा रहा है, ताकि अलग-अलग दलों में बिखरीं अनुसूचित जातियों को भाजपा के साथ एकजुट किया जा सके। भाजपा लोस चुनाव के मद्देनजर सामाजिक समरसता को इसलिए आगे बढ़ा रही है, ताकि गरीब और कमजोर वर्गों के लोगों के बीच जातीय भेदभाव को लेकर बनी हीन भावना को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके। क्षेत्रवार अनुसूचित जाति सम्मेलनों के साथ ही गांवों में समरसता अभियान और इस वर्ग के उत्थान की योजनाएं इसी रणनीति का हिस्सा हैं।
[ad_2]
Source link