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अब चांद हमारा है: चंद्रयान की सफलता में गोरखपुर के होनहार भी, दंपती ने बनाया कैमरा-सेंसर, इन पर था ये जिम्मा

अब चांद हमारा है: चंद्रयान की सफलता में गोरखपुर के होनहार भी, दंपती ने बनाया कैमरा-सेंसर, इन पर था ये जिम्मा

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Chandrayaan 3 success Three promising old students of Gorakhpur have contributed significantly in this

चंद्रयान 3 की सफलता में गोरखपुर के होनहार भी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


चंद्रयान-3 की सफलता में गोरखपुर का नाम भी इतिहास में दर्ज हो गया है। गोरखपुर के तीन पुराने होनहार छात्रों ने इसमें अपना अहम योगदान दिया है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले डॉ. पीडी मिश्रा ने चंद्रयान-3 के सेटेलाइट के पोजिशन व दूरी की गणना की। साथ ही एक-एक पल के बारे में लोगों को बताने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास थी। 

वहीं जिस कैमरा और सेंसर से सुसज्जित चंद्रयान-3 ने सफलता की उड़ान भरी, उसे भी गोरखपुर के दंपती अम्मर यासिर व सना फिरोज ने तैयार किया था। इन दोनों ने एमएमएमयूटी से पढ़ाई की है।

गोरखपुर विश्वविद्यालय और एमएमएमयूटी जहां अपने पूर्व छात्रों की सफलता पर फख्र महसूस कर रहा है तो घरवाले फूले नहीं समा रहे। देवरिया जिले के रामपुर कारखाना क्षेत्र के हरपुर कला के मूल निवासी स्व. उमापति मिश्रा के पुत्र डॉ. पीडी मिश्रा ने स्नातक देवरिया के बीआरडी पीजी कॉलेज से की थी। 

इसके बाद गोरखपुर यूनिवर्सिटी से वर्ष 2003 में गणित से एमएससी की पढ़ाई की। यहीं से 2006-07 में गणित से पीएचडी की डिग्री हासिल की। वर्तमान में वह इसरो के सेंटर श्रीहरिकोटा में वैज्ञानिक एसएफ के पोस्ट पर तैनात हैं।

 

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