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![अयोध्या राम मंदिर: अयोध्या में ही जन्म लेने वाला होगा मंदिर का पुजारी, ड्रेस कोड लागू करने की योजना The priest of the temple will be born in Ayodhya itself](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/06/22/ayathhaya-rama-mathara_1687426842.jpeg?w=414&dpr=1.0)
अयोध्या राम मंदिर
– फोटो : amar ujala
विस्तार
नए मंदिर में विराजने वाले रामलला की पूजा व सेवा पद्धति कैसी होगी इसको लेकर भी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंथन में जुटा है। इस पर भी विचार चल रहा है कि अयोध्या में जन्म लेने वाला ही रामलला का पुजारी बने। इतना ही नहीं पुजारियों के लिए खास ड्रेस कोड भी लागू किया जाएगा।
अभी तक रामलला की पूजा पहले से चली आ रही परंपरा के अनुसार होती थी। अब भव्य राम मंदिर के निर्माण और राम मंदिर ट्रस्ट के गठन के बाद यह सब नए सिरे से तय किया जा रहा है। पूजन पद्धति व रामलला की सेवा को लेकर काशी के वैदिक आचार्यों सहित रामनगरी के संत-धर्माचार्यों से राय ली जा रही है।
इसके आधार पर ही पुजारियों का चयन, ट्रेनिंग, ड्रेस कोड, रामलला के पूजन की विधि और नियमित सेवा की पद्धति तैयार की जा रही है। बाल रूप से उनकी सेवा किस तरह हो? इसको लेकर संतों की भावना का खास ध्यान रखा जा रहा है। नियमावली तैयार करने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। राम मंदिर ट्रस्ट की मुहर लगनी शेष है। यह भी जानकारी मिली है कि रामलला की सेवा में प्रशिक्षित पुजारियाें को ही लगाया जाएगा। प्रशिक्षित पुजारियों की एक टीम भी तैयार की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि रामजन्मभूमि में निर्माणाधीन राममंदिर का भूतल बनकर तैयार हो चुका है। जनवरी 2024 में रामलला नए मंदिर में विराजेंगें। इसके लिए प्राणप्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
रामलला की सेवा में तैनात हैं चार पुजारी
अभी रामलला की सेवा में चार पुजारी तैनात हैं। जबकि इतने ही सेवादार भी लगाए गए हैं। कुल आठ लोग रामलला की पूजा-सेवा में लगे हैं। मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास 1992 से ही रामलला की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। इनके अलावा तीन सहायक पुजारियों को भी लगाया गया है। नए मंदिर में रामलला के विराजने के बाद इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है।
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