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कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों, संगठनों और उनके एक्टिव सदस्यों को लेकर भले ही प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अभी तक ठोस कार्रवाई का भरोसा नहीं दिया है, मगर भारत उनके इरादों को अपने यहां तक नहीं पहुंचने देगा। अभी तक यही खबरें आ रही थीं कि पाकिस्तान, खालिस्तान आतंकियों को बढ़ावा दे रहा है। अब इसके आगे एक भयावह इंटेलिजेंस इनपुट का पता लगा है।
पाकिस्तान, पंजाब में खालिस्तान को इसलिए खाद पानी दे रहा था, क्योंकि उसने ‘सिख फॉर जस्टिस’ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू के जरिए ‘उर्दुस्तान’ स्थापित करने का नापाक इरादा बना रखा था। यही वजह थी कि पन्नू, लाहौर में जाकर आईएसआई से मुलाकात करता है। वहां पर प्रेसवार्ता कर खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह कराने की घोषणा करता है।
केंद्र सरकार के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी आतंकियों को लेकर भारत और कनाडा के संबंधों में अभी तनाव बरकरार है। कनाडा सरकार, एनआईए द्वारा दी गई आतंकियों की सूची पर कार्रवाई कब तक करेगी, इस बाबत कुछ कहा नहीं जा सकता। तब तक केंद्रीय एजेंसियां, छह राज्यों में खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टर्स से संबंध रखने वालों पर बड़ी स्ट्राइक करेगी।
पाकिस्तानी आईएसआई ने किया ‘पन्नू’ का इस्तेमाल
‘सिख फॉर जस्टिस’ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर जो नया डोजियर तैयार किया गया है, उसमें हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। पन्नू, न केवल खालिस्तान का माहौल तैयार करने में जुटा था, बल्कि वह पाकिस्तान के इशारे पर इससे भी कहीं आगे बढ़ चुका था। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी आईएसआई ने पन्नू को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया है। उसने पन्नू को आर्थिक मदद भी पहुंचाई है। भारत में किसान आंदोलन के दौरान उसने लालकिले और इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को भारी इनामी राशि देने की घोषणा की थी।
उसके बाद स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तोड़फोड़ की गतिविधियां करने व दूसरी कई तरह की आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के लिए भी इनाम घोषित किया था। इसके लिए पन्नू को पाकिस्तान की तरफ से आर्थिक मदद दी जाती थी। पन्नू से कहा गया था कि वह पंजाब में खालिस्तान बनाए तो वहीं देश के दूसरे हिस्सों को ‘उर्दुस्तान’ के दायरे में लाने का प्रयास करे। यही वजह थी कि पन्नू धीरे धीरे, खालिस्तान के एजेंडे को देश के दूसरे हिस्सों तक ले जाने की कोशिश कर रहा था।
आईएसआई ने तैयार किया ‘उर्दुस्तान’ का एजेंडा
पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक अपने नापाक इरादे ले जाने की योजना बना रखी थी। ‘उर्दुस्तान’ स्थापित करने का एजेंडा भी पाकिस्तानी आईएसआई ने तैयार किया था। किसान आंदोलन के बाद पन्नू एवं दूसरे खालिस्तानी आतंकियों के जरिए इस खतरनाक एजेंडे को तेजी से आगे बढ़ाया गया। पाकिस्तान की मंशा है कि पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट अगर गली मुहल्ले तक पहुंच जाती है तो उसके बाद पन्नू एवं दूसरे खालिस्तानी आतंकियों की मदद से ‘उर्दुस्तान’ पर काम होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘एसएफजे’ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकी घोषित कर रखा है। पंजाब व दूसरे राज्यों में उसकी संपत्तियां जब्त की जा रही हैं। केंद्र सरकार ने एनआईए, रॉ, आईबी, ईडी व विभिन्न राज्यों में मौजूद आतंक रोधी इकाइयों को लेकर अलगाववादी और खालिस्तानी आतंकवादियों पर चोट करने की योजना बनाई है। पांच व छह अक्तूबर को नई दिल्ली में एक बैठक बुलाई गई है।
इसमें सभी राज्यों के शीर्ष पुलिस अफसर, सेंट्रल इंटेलिजेंस इकाइयां और राज्यों की आतंक रोधी इकाई, एनआईए के साथ मिलकर आतंकियों के गुर्गों पर बड़ी स्ट्राइक करने का प्लान तैयार करेंगी। पंजाब, हरियाणा, यूपी, जेएंडके व दूसरे स्थानों पर खालिस्तानी आतंकियों को आर्थिक मदद मिलने के सभी रास्तों को बंद किया जाएगा। सभी एजेंसियां, एक तय समय में खालिस्तानी आतंकियों और इनका सहयोग करने वाले गैंगस्टर पर स्ट्राइक करेंगी।
भारत और कनाडा विवाद के बीच हुई थी अहम बैठक
सूत्रों के मुताबिक, कनाडा की संसद में पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद जब दोनों देशों के बीच कड़वाहट आई तो केंद्र सरकार ने अपने मेकेनिज्म पर काम करना शुरु कर दिया था। चूंकि कनाडा की संसद में और वो भी खुद प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगाया था, इसलिए केंद्र सरकार ने आगे की प्लानिंग शुरु कर दी। टॉप लेवल की बैठक, जिसमें एनएसए, आईबी, एनआईए, रॉ और विदेश मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे, बुलाई गई।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान की समीक्षा करने के बाद तय किया गया कि अब खालिस्तानी आतंकियों से अपने स्तर पर ही निपटा जाएगा। कनाडा सरकार को कई बार आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठनों और उनके एक्टिव मेंबर की सूची साझा हो चुकी है, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। पीएम जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा, कनाडा में बैठे आतंकी, भारत में तोड़फोड़ की साजिश रचते रहे। सूत्रों का कहना है कि अब इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचों से भी उठाया जाएगा।
एक्टिव सदस्यों को कानून के शिकंजे में लाया जाएगा
केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों के भारत में रह रहे समर्थकों को बाहर निकाला जाएगा। उनके खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई होगी। उनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा। उनके साथ और कितने लोग हैं, जो खालिस्तानी मूवमेंट से जुड़े हैं, वे सब गिरफ्तार होंगे। सुरक्षा एजेंसियों ने कनाडा में मौजूद खालिस्तानी संगठनों से जुड़े उन लोगों की सूची तैयार कर ली है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में रह कर इस मूवमेंट को खाद पानी दे रहे हैं।
भारतीय एजेंसियों का प्रयास है कि देश में खालिस्तान के एक्टिव सदस्यों को कानून के शिकंजे में लाया जाए। यह काम ‘वन बाइ वन’ तरीके से होगा। इस तरह से जब खालिस्तान के एक्टिव सदस्य खत्म हो जाएंगे तो कनाडा में बैठे आतंकी, किसके सहारे अपनी मूवमेंट को आगे बढ़ाएंगे। संभव है कि तब तक, भारत सरकार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खालिस्तान को लेकर कनाडा को और ज्यादा मजबूती से साथ घेरेगी।
एनआईए ने खालिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध रखने वाले गैंगस्टर्स पर भी शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। केंद्रीय एजेंसियों ने जेल में बंद ऐसे गैंगस्टर्स का पता लगाया है, जो खालिस्तानी मूवमेंट को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। जेल में बंद कई गैंग, कनाडा से संचालित हो रहे हैं। अब ऐसे लोगों की सूची बनाकर उनके खालिस्तानी लिंक को तोड़ा जाएगा। गैंगस्टर्स की संपत्तियों की जानकारी, सार्वजनिक कर उसे जब्त करने की कार्रवाई होगी।
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