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चीन के हांगझाऊ में आयोजित एशियन गेम्स के ट्रेक एंड फील्ड इवेंट में मेरठ की एथलीट बेटी पारुल चौधरी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सोने पर कब्जा किया है। मंगलवार को पारुल ने पांच हजार मीटर स्टीपल चेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इससे पहले सोमवार को पारुल ने 3000 मीटर में रजत पदक जीता था।
पारुल चौधरी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ के फाइनल में पहला स्थान हासिल कर एशियाई खेल 2023 में भारत को 14वां स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने कल शाम महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक जीता था, लेकिन इस बार अंतिम कुछ मीटर में उन्होंने तेजी ला दी और अपने प्रतिद्वंद्वी को आश्चर्यचकित करते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया।
बेटी ने दूसरे दिन भी जीता पदक, खुशी से गदगद हुए मेरठ के लोग
मेरठ में दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव निवासी कृष्णपाल सिंह की बेटी पारुल चौधरी ने मंगलवार को दूसरे दिन लगातार पदक हासिल किया। पारुल द्वारा स्वर्ण पदक जीतने की खबर मेरठ पहुंची तो लोग खुशी से झूम उठे। उधर, गांव में पारुल चौधरी के घर पर परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लग गया। बताया गया कि गांव में एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई है।
किसान की बेटी ने विश्व में किया भारत का नाम रोशन
गांव में खेती करने वाले कृष्णपाल सिंह की बेटी पारुल चौधरी ने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया है। छोटे से गांव से निकली बेटी की इस बड़ी उपलब्धि पर पूरा गांव और परिवार गर्व महसूस कर रहा है। पारुल चौधरी इससे पहले भी कई उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं।
चारों भाई-बहनों ने किया माता-पिता का नाम रोशन
कृष्णपाल सिंह खेती करते हैं और उनके दो बेटे व दो बेटियां हैं। बड़ा बेटा राहुल दीवान टायर फैक्टरी में मैनेजर है, दूसरे नंबर की बेटी प्रीति सीआईएसएफ में स्पोर्ट्स कोटे से दरोगा है। तीसरे नंबर की पारुल चौधरी हैं। वह रेलवे में टीटीई हैं। चौथे नंबर का बेटा रोहित यूपी पुलिस में है। पारुल और प्रीति ने भराला गांव स्थित बीपी इंटर कॉलेज से कक्षा 10 व इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद मेरठ कॉलेज मेरठ से ग्रेजुएशन की। पटियाला पहुंचकर विवि टॉपर रही।
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