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चंद्रयान-3: आखिरी 100 किमी का सफर बेहद नाजुक, इसरो प्रमुख ने बताया- नौ और 17 को बदला जाएगा परिक्रमा पथ

चंद्रयान-3: आखिरी 100 किमी का सफर बेहद नाजुक, इसरो प्रमुख ने बताया- नौ और 17 को बदला जाएगा परिक्रमा पथ

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सार

सोमनाथ ने कहा कि 2019 का मिशन चंद्रयान-2 आंशिक सफल था, लेकिन इससे मिले अनुभव इसरो के चंद्रमा पर लैंडर उतारने के लिए नए प्रयास में काफी उपयोगी साबित हुए। इसके तहत चंद्रयान-3 में कई बदलाव किए गए।

Chandrayaan 3 journey of last 100 km is very delicate ISRO chief said orbit path will change soon

Chandrayaan-3
– फोटो : Amar Ujala

विस्तार


चंद्रयान-3 अच्छी दशा में है और चंद्रमा पर उतरने के लिए अहम चरण की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सोमवार को बताया कि यान को चंद्रमा पर 100 किमी के परिक्रमा पथ से सतह की ओर लाना बेहद नाजुक चरण होगा।

14 जुलाई को प्रक्षेपित यान इस समय चंद्रमा के चारों ओर 170  गुणा 4313 किमी के दीर्घवृत्ताकार पथ पर परिक्रमा कर रहा है। परिक्रमा पथ में बदलाव के अगले चरण नौ अगस्त और 17 अगस्त को प्रस्तावित हैं। इन चरणों के जरिये उसे चांद की सतह से महज 100 किमी ऊंचे वृत्ताकार परिक्रमा पथ पर लाया जाएगा। वहीं, 23 अगस्त को लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतारा जा सकता है। सोमनाथ ने बताया कि चंद्रमा के 100 किमी तक करीब पहुंचने में वे यान के लिए कोई मुश्किल नहीं देख रहे। समस्याएं लैंडर की सतह से सही पोजीशन का अनुमान लगाने के साथ शुरू होती हैं। इसे पथ निर्धारण प्रक्रिया कहा जाता है। अगर यह सही रहती है, तो बाकी प्रक्रियाएं आसानी से पूरी की जा सकेंगी।  

चंद्रयान-2 के अनुभव से सीखे 

सोमनाथ ने कहा कि 2019 का मिशन चंद्रयान-2 आंशिक सफल था, लेकिन इससे मिले अनुभव इसरो के चंद्रमा पर लैंडर उतारने के लिए नए प्रयास में काफी उपयोगी साबित हुए। इसके तहत चंद्रयान-3 में कई बदलाव किए गए।






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