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ज्ञानवापी के दो मामलों पर आज सुनवाई, व्यासजी के तहखाने और सील वजूखाने में सर्वे की मांग पर आएगा आदेश

ज्ञानवापी के दो मामलों पर आज सुनवाई, व्यासजी के तहखाने और सील वजूखाने में सर्वे की मांग पर आएगा आदेश

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Hearing today on two cases of Gyanvapi order will come on the demand of survey in Vyasji's basement

ज्ञानवापी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


वाराणसी में ज्ञानवापी स्थित व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में देने के वाद में दिए गए स्थानांतरण आवेदन पर जिला जज की अदालत में आज सुनवाई होगी। यह वाद शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया है।

ज्ञानवापी से जुड़े अन्य मामले जिला जज की अदालत में चल रहे हैं। इस वजह से इस वाद को जिला जज की ही अदालत में स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया गया है। इसे लेकर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दर्ज कराई है। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने स्थानांतरण आवेदन में मूल वाद की संख्या और वर्ष का उल्लेख नहीं किए जाने पर उसे अपूर्ण और त्रुटिपूर्ण बताते हुए खारिज किए जाने का अनुरोध अदालत से किया है।

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वहीं दूसरा मामला सील वजूखाने में एएसआई सर्वे की मांग को लेकर है जिसपर जिला जज की अदालत में आज सुनवाई होगी। वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने में एएसआई सर्वे के लिए राखी सिंह की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से जिला जज की अदालत में आपत्ति दाखिल की गई। जिला जज की अदालत ने प्रकरण की सुनवाई के लिए 12 अक्तूबर यानि आज की तिथि नियत की थी।

मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी राखी सिंह ने बीते 29 अगस्त को ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने के एएसआई सर्वे के लिए 64 पेज का आवेदन अधिवक्ता सौरभ तिवारी और अनुपम द्विवेदी के माध्यम से दायर किया था। 28 सितंबर को राखी सिंह की तरफ से आवेदन की प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध कराई गई।

ये है व्यासजी के तहखाने वाला मामला

दरअसल, वादी शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। इसमें आशंका जताई गई कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी व्यासजी के तहखाने पर कब्जा कर सकती है। इसलिए तहखाने को जिलाधिकारी को सुपुर्द किया जाए। बाद में जिला जज की अदालत से मुकदमे को निचली अदालत से स्थानांतरित कर खुद सुनवाई करने का अनुरोध किया गया। इस पर प्रतिवादी मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दर्ज की। कमेटी ने कहा कि वादी का स्थानांतरण प्रार्थना पत्र सुनवाई योग्य नहीं है। जो मुकदमा निचली अदालत में दाखिल किया गया है, उसके स्थानांतरण की मांग उसी कोर्ट से की जा सकती है।

वादी की दलीलों पर प्रतिवादी की आपत्ति

अदालत में शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि व्यासजी के तहखाने में दरवाजा नहीं है। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी किसी भी समय उस पर कब्जा कर सकती है। इस पर मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने आपत्ति जताई और कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। ज्ञानवापी परिसर में एएसआई का सर्वे चल रहा है। जहां ताला बंद था, उसे भी खोला गया है। किसी भी तरह के कब्जे की बात गलत है। अदालत ने कहा कि दोनों पक्ष की बहस पहले ही सुन ली गई है। 

 

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