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ज्ञानवापी
– फोटो : अमर उजाला
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ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को डीएम की निगरानी में सौंपने संबंधी मामले में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट शनिवार को अपना पक्ष रखेगा। इसकी सुनवाई शुक्रवार को जिला जज की अदालत में हुई। प्रकरण में एक अन्य पक्षकार काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता रवि कुमार पांडेय ने पक्ष रखने के लिए समय मांगा है। इस पर अदालत ने शनिवार को सुनवाई करने का फैसला किया। इससे पहले अदालत ने नोटिस देकर काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।
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शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने बीते 25 सितंबर को वाद दाखिल किया था। कहा था कि व्यासजी का तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्जे में रहा है। वर्ष 1993 के पहले से पूजा-पाठ और राग-भोग होता चला आ रहा था। 1993 के बाद उस तहखाने को प्रदेश सरकार के आदेश से घेर दिया गया। साथ ही पूजा-पाठ से वंचित कर दिया गया। वर्तमान में नंदीजी के सामने स्थित व्यासजी के तहखाने का दरवाजा खुला है। उस जगह वादी और उनके परिवार को जाने से रोका जाता है। आशंका है कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी तहखाने पर कब्जा कर लेगी। यह मामला लोअर कोर्ट में लंबित है। यह मामला जिला जज की अदालत में सुना जाना चाहिए। इस पर प्रतिवादी मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि वादी का स्थानांतरण प्रार्थना पत्र सुनवाई योग्य नहीं है।
अर्जेंट वाद पर अब 13 अक्तूबर को सुनवाई
ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिली शिवलिंग जैसी आकृति के पूजा-पाठ और राग-भोग से संबंधित अर्जेंट वाद को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने संबंधी प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई टल गई। अब 13 अक्तूबर को सुनवाई होगी। यह वाद शैलेंद्र योगीराज की तरफ से दाखिल किया गया था।
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