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![धर्म-कर्म: अमावस्या पर गंगा में स्नान कर पुण्य कमाया, शांति के कराए धार्मिक अनुष्ठान कराए Dharma Karma: Earned virtue by bathing Ganges on Amavasya, performed religious rituals peace](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/08/16/750x506/brajghat-gajraula_1692161114.jpeg?w=414&dpr=1.0)
गंगा स्नान करते श्रद्धालु
– फोटो : संवाद
विस्तार
सावन माह की अमावस्या पर ब्रजघाट व तिगरी में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। स्नान के बाद गंगा तट पर धार्मिक अनुष्ठान कराए। तिगरी में बाढ़ का पानी किनारे तक भरा होने के कारण स्नान करने में श्रद्धालुओं को परेशानी हुई।
तिगरी निवासी पंडित गंगा शरण शर्मा के मुताबिक बुधवार को द्वितीय सावन माह की अमावस्या है। धार्मिक दृष्टि से सावन माह का विशेष महत्व है। अमावस्या और पूर्णिमा पर गंगा में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है। इसी के चलते अमावस्या पर स्नान करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब गंगा तट पर उमड़ा।
ब्रजघाट व तिगरी में स्नान करने के लिए उमड़े श्रद्धालुओं ने हर हर गंगे के उद्घोष संग डुबकी लगाई। सुबह शुरू हुआ स्नान का सिलसिला काफी देर तक चलता रहा। गंगा में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने धार्मिक अनुष्ठान कराए।
मगर भीषण बाढ़ में तिगरी गंगा तट बंध तक पहुंच चुके पानी के कारण स्नान करने के लिए स्थान बहुत कम बचा था। इस कारण श्रद्धालुओं को स्नान करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। चेंजिंग रूम पूरी तरह जल मग्न रहा। इससे लोगों को परेशानी हुई।
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