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नई दिल्ली स्थित अफग़ान दूतावास
– फोटो : wikipidia
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भारत में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर अपना परिचालन बंद करने के लिए पत्र जारी किया है। सरकार इसकी प्रामाणिकता की जांच कर रही है। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। नई दिल्ली में अफगान दूतावास के प्रमुख राजदूत फरीद मामुंदजई हैं। जानकारी सामने आई है कि वह इस समय लंदन में हैं। मामुंदजई को पिछली अशरफ गनी सरकार ने राजदूत नियुक्त किया था। अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद भी वह भारत में अफगान राजदूत के रूप में काम कर रहे हैं।
दूतावास द्वारा अपना परिचालन बंद करने की खबरों पर भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर इस संबंध में एक संचार पत्र जारी किया है। संचार पत्र की प्रामाणिकता और इसकी सामग्री की जांच की जा रही है। सूत्रों ने कहा कि यह पिछले कई महीनों से राजदूत के भारत से बाहर रहने, कथित तौर पर शरण मिलने के बाद राजनयिकों के अन्य देशों में जाने और दूतावास कर्मियों के बीच अंदरूनी कलह की खबरों के संदर्भ में है।
खबर है कि दूतावास ने अगले कुछ दिनों में अपना ऑपरेशन बंद करने के अपने फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय को संदेश भेजा है। हालांकि, इस मामले पर दूतावास की अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अप्रैल-मई में, तालिबान द्वारा ममुंदजई की जगह नई दिल्ली में मिशन का नेतृत्व करने के लिए प्रभारी राजदूत की नियुक्ति की रिपोर्ट के बाद दूतावास में आंतरिक कलह शुरू हो गई थी। हालांकि बाद में दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा था कि मिशन के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
अफगान दूतावास में 2020 से व्यापार पार्षद के रूप में काम कर रहे कादिर शाह ने इसी साल अप्रैल के अंत में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर दावा किया कि उन्हें तालिबान द्वारा दूतावास में चार्जे डी अफेयर्स (प्रभारी राजदूत) के रूप में नियुक्त किया गया है।
बता दें, भारत ने अभी तक तालिबान की आंतरिक सरकार को मान्यता नहीं दी है। भारत अफगानिस्तान में समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है। साथ ही इस बात पर जोर दे रहा है कि अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
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