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बैंक घोटाले में BJP नेता गिरफ्तार: सहकारी बैंक का अध्यक्ष रहते प्रीतपाल ने किया 15 करोड़ का गबन, जमानत खारिज

बैंक घोटाले में BJP नेता गिरफ्तार: सहकारी बैंक का अध्यक्ष रहते प्रीतपाल ने किया 15 करोड़ का गबन, जमानत खारिज

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chhattisgarh Police arrested BJP leader Pritpal Belchandan in co-operative bank scam in durg

पुलिस गिरफ्त में आरोपी भाजपा नेता प्रीतपाल बेलचंदन।
– फोटो : संवाद

विस्तार


छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि सहकारी बैंक का अध्यक्ष रहते उन्होंने अपने परिचितों को लाभ पहुंचाने के लिए अनुदान राशि और लोन दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। प्रीतपाल बेलचंदन ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। मामला दुर्ग के सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। 

साल 2008 में लड़ चुके हैं विधानसभा चुनाव

जानकारी के मुताबिक, प्रीतपाल बेलचंदन डोंगरगांव विधानसभा के भाजपा प्रभारी हैं।  इसके अलावा 2008 में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। भाजपा सरकार ने वर्ष 2014 में उन्हें जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग का अध्यक्ष बनाया था। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने पद पर रहते हुए अनुदान राशि और लोन में 14.89 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। इस मामले में 2021 में  बैंक के सीईओ पंकज सोढ़ी ने शिकायत दी थी। जांच के बाद साक्ष्य सही मिलने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी। 

234 मामलों में बांटा साढ़े 13 करोड़ का लोन

जांच में सामने आया कि बिना पंजीयक सहकारी संस्थाएं की अनुमति के 234 प्रकरणों में करीब साढ़े तेरह करोड़ रुपयों का लोन आरोपी प्रीतपाल ने बांट दिया। प्रीतपाल ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। अब कोर्ट के ही आदेश पर पुलिस ने प्रीतपाल बेलचंदन की गिरफ्तारी की है। पुलिस ने आरोपी को हाईकोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि उच्च  न्यायालय के आदेश पर ही कार्यवाही की गई है।

चुनिंदा किसानों को ऋण दिया, फिर छूट देकर किया गबन

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू ने बताया कि 15 साल में भाजपा के शासन काल में प्रीतपाल बेलचंदन को बैंक का अध्यक्ष बनाया गया था। अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्होंने खाद और अनुदान और लोन के नाम पर करोड़ों रुपयों का घोटाला किया। 5 अगस्त 2016 से 12 जून 2019 के बीच प्रीतपाल बेलचंदन के अध्यक्ष रहते चुनिंदा किसानो को ऋण दिया गया था, लेकिन 186 प्रकरणों में एकमुश्त समझौता में छूट प्रदान कर करोड़ों रुपयों का गबन किया गया। 

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