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![मुरादाबाद दंगा: भीड़ ने पापा को साइकिल से उतारा और कर दिए थे चाकू से 32 वार, बताते हुए फफक पड़े परिजन Moradabad Riots: mob made father get off his bicycle and stabbed him 32 times with a knife](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/08/09/750x506/moradabad-riot_1691566364.jpeg?w=414&dpr=1.0)
गलशहीद निवासी नंदकिशोर ने बताई दंगे से जुड़ी आपबीती
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मुरादाबाद के गलशहीद के भूड़े का चौराहा वाल्मीकि बस्ती निवासी नंदकिशोर ने बताया कि दंगे से कुछ दिन पहले ही दो समुदायों में टकराव शुरू हो गया था। 24 जुलाई 1980 को गलशहीद क्षेत्र में कुंदरकी के हाथीपुर गांव से बरात आई हुई थी। धर्मस्थल के सामने कुछ लोगों ने ढोल बजाने का विरोध किया था। इसके बाद दोनों समुदाय में टकराव हो गया था।
इसी दौरान मैं अपने पापा बनवारी के साथ साइकिल से इंदिरा चौक जा रहा था। रास्ते में भीड़ ने हमें घेर लिया। मैं साइकिल पर डंडे पर बैठा हुआ था। लोगों ने बाइक से साइकिल रुकवा और उन्हें नीचे उतारकर चाकू से 32 वार किए थे। मैं किसी तरह अपनी जान बचाकर भागा और घर आकर परिजनों को जानकारी दी थी।
पिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 13 अगस्त 1980 को दंगा हुआ था। मार्च 1981 को मेरे पिता की मौत हो गई थी। आज भी मैं उस मंजर को नहीं भूल पाया हूं। मैंने, मेरी बहन संतोष और भाई रोहित ने बहुत संघर्ष किया है।
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