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![मुरादाबाद में आई फ्लू: स्टेरॉयड ड्रॉप छीन रहीं लोगों की आंखें, मेडिकल स्टोर से दवा लेकर डालना पड़ रहा भारी Eye flu in Moradabad: Steroid drops are snatching people eyes, medicine is causing harm](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2017/05/08/750x506/eye-flu_1494256985.jpeg?w=414&dpr=1.0)
eye flu
– फोटो : amarujala
विस्तार
आई फ्लू होने पर लोग घरेलू उपचार को प्राथमिकता दे रहे हैं। कई लोग डॉक्टरी सलाह के बिना मेडिकल स्टोर से आई ड्रॉप खरीदकर आंख में डाल रहे हैं। यही लापरवाही लोगों पर भारी पर पड़ रही है। दो ऐसे मामले हैं जिनमें लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। अब किसी नेत्रदान करने वाले व्यक्ति की बदौलत ही उनकी आंख की रोशनी वापस लौट सकती है।
डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआती लक्षणों में लापरवाही करना और डॉक्टर के पास न पहुंचना घातक हो सकता है। आंखों में होनी वाली खुजली, पानी या कीचड़ निकलने पर ज्यादा मलना या रगड़ना भी नुकसानदायक है। गनीमत है कि पिछले पांच दिनों में आई फ्लू के मामले कम हुए हैं।
जबकि एक सप्ताह पहले तक जिला अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 100 मरीज आई फ्लू के पहुंच रहे थे। वहीं निजी डॉक्टरों के पास भी भीड़ लगी थी। डॉक्टरों का कहना है कि इस बार मौसम में अचानक बदलाव हुए हैं। इस बदलाव के चलते वातावरण की नमी से कंजक्टिवाइटिस के वायरस को फैलने में मदद मिली है।
इस बीमारी से परेशान मरीज एक ही कपड़े से बार बार आंख साफ कर रहे हैं, आंखों को मल रहे हैं। ऐसे लोगों में संक्रमण गंभीर हुआ है। डॉक्टरों ने आई फ्लू के दो प्रकार बताए हैं। वायरल इनफेक्शन के मामले में आंखों में जलन, खुजली, लाली व पानी निकलने की समस्या होती है। जबकि बैक्टीरियल इन्फेक्शन के मामले में इन लक्षणों के साथ आंखों से कीचड़ निकलता है।
केस-1
अमरोहा निवासी 21 वर्षीय मरीज बुधवार को डॉ. स्मिता अग्रवाल के पास पहुंचा। परिजनों ने बताया कि उसे 15-20 दिन पहले आई फ्लू हुआ था। मेडिकल स्टोर से दवा लेकर मरीज ने आंख में डाली थी। एक सप्ताह पहले पुतली पर सफेदी आनी शुरू हो गई।
डॉक्टरों ने दवा दी लेकिन कोई असर नहीं हुआ। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि मरीज के कॉर्निया को गंभीर नुकसान हुआ है। इसमें मवाद भर गया है। सर्जरी में देर की गई तो आंख निकालने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
केस-2
आशियाना निवासी 49 वर्षीय मरीज ने आई फ्लू के दौरान लापरवाही बरती और बिना डॉक्टरी सलाह के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर डाल ली। धीरे धीरे कॉर्निया पर धब्बे पड़ने शुरू हो गए। मरीज की आंख की रोशनी कम होती गई। अब स्थिति यह है कि आंख की रोशनी पूरी तरह जाने का खतरा है और दान किए गए नेत्र की मदद से ही उपचार संभव हो पाएगा। मरीज को दिल्ली जाने की सलाह दी गई है।
लक्षण
नजला, जुकाम, बुखार
आंखों में दुखन
आंखों में सूजन
आंखों से लगातार पानी या कीचड़ निकलना
धूप में निकलने में बहुत परेशानी होना
आईफ्लू से बचाव के तरीके
बचाव के लिए आंखों को साफ पानी से धोते रहें
यदि संक्रमित हो गए हैं तो पानी न छिड़कें
आंखों को गुनगुने पानी से साफ कर सकते हैं
चश्मा लगाकर ही घर से बाहर निकलें
दूसरे के रुमाल या चश्मे का प्रयोग न करे
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें
हाथों को साफ रखें और हाथ मिलाने से बचें
बारिश में भीगने से बचें
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
यदि आई फ्लू है तो बिना देर किए डॉक्टर के पास पहुंचें। डॉक्टर जो दवा लिखेंगे उसका असर देखने के लिए दोबारा बुलाते हैं। कई बार इलाज बदलना पड़ता है। इसलिए डॉक्टरी सलाह के बिना कोई दवा न लें। इससे आंख खराब होने का खतरा है। – डॉ. पल्वव अग्रवाल, नेत्र रोग विशेषज्ञ
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