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![यूपी: अब एक किसान को मिलेगा एक ही किसान क्रेडिट कार्ड, एक से अधिक होने पर किए जाएंगे कैंसिल UP: Now a farmer will get only one Kisan Credit Card](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/03/18/news-of-meerut_1679161896.jpeg?w=414&dpr=1.0)
केसीसी किसान के कई मौकों पर काम आता है। खासकर उस पर आने वाली समस्याओं के लिए।
– फोटो : अमर उजाला
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अधिसूचित फसलों में एक किसान को एक ही किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देने के निर्देश जारी किए गए हैं। बड़ी संख्या में एक ही नाम पर कई-कई केसीसी हैं। जिनकी पहचान कर कैंसिल किया जाएगा। बैंकों से कहा गया है कि पशुपालन और मछली पालन से जुड़े किसानों को भी केसीसी जारी करने में तेजी लाने के साथ प्राथमिकता पर दिए जाएं।
आधार से खाते जुड़ने के साथ ही सामने आने लगा है कि बड़ी संख्या में किसानों ने अलग-अलग बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड ले रखे हैं। एक किसान-एक केसीसी के नियमों के तहत एक से ज्यादा कार्ड धारकों के केसीसी निरस्त किए जाएंगे। साथ ही बैंकों दवारा पशुपालक और मछली पालकों को केसीसी कार्ड देने की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई है।
किसान क्रेडिट कार्ड देने में कोआपरेटिव बैंकों की खराब स्थिति पर आरबीआई और नाबार्ड ने चिंता जताई है। अप्रैल से जून के बीच तीन महीने में 32 फीसदी लक्ष्य किसान क्रेडिट कार्ड का पूरा हो सका है। सरकारी योजनाओं में निजी बैंकों की कमजोर भागीदारी पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि इसे लेकर निजी बैंकों में गंभीरता का अभाव है, जिसे दूर करने के निर्देश दिए गए।
बढ़ रहा कारोबारी माहौल, लोन लेने वाले बढ़ेबैंकों में लोन की संख्या बढ़ने को औद्योगिक निवेश और प्रगति का सूचकांक माना जाता है। इस साल जून के अंत तक बैंकों का ऋण-जमा प्रवाह 55 फीसदी से ज्यादा रहा है, जो पिछले साल से करीब 1.5 फीसदी ज्यादा है। केवल 11 जिले ऐसे रह गए हैं जहां ऋण और जमा का अनुपात 40 फीसदी से कम है।
इस साल बैंकों को प्रदेश में 3.48 लाख करोड़ देने का लक्ष्य दिया गया है। अप्रैल से जून के बीच 1.24 लाख करोड़ लोन के रूप में दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री जनधन खाते में भी प्रदेश ने रिकार्ड बनाया है। अभी तक 8.80 करोड़ खाते प्रदेश में खोले जा चुके हैं। केवल तीन महीने में जनधन के 13 लाख खाते बैंकों ने खोले हैं।
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