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![विश्व अल्जाइमर दिवस: दस सालों में बढ़ जाएगी भूलने की बीमारी, गंगा के निकटवर्ती इलाकों के लोगों को भी खतरा World Alzheimer's Day: Forgetfulness will increase in ten years, people of areas near Ganga are also in danger](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/09/20/alzheimers-day-2022_1663665230.jpeg?w=414&dpr=1.0)
अल्जाइमर रोग के बारे में विस्तार से जानिए
– फोटो : istock
विस्तार
बढ़ती उम्र के साथ ही लोगों में भूलने की बीमारी यानी अल्जाइमर की समस्या भी बढ़ती जा रही है। जिस तरह से तनाव भरी जिंदगी लोग जी रहे हैं, यह भी अल्जाइमर होने का एक कारण है। आईएमएस बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग में अल्जाइमर बीमारी पर हुए एक शोध में जो परिणाम आए हैं, वह बेहद चौंकाने वाले हैं। मरीजों को शामिल कर किए गए इस शोध में यह बताया गया है कि अगर लोग इसके प्रति जागरूक नहीं हुए तो आने वाले दस-पंद्रह सालों में भूलने की बीमारी एक महामारी का रुप ले सकती है।
अल्जाइमर के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. विजय नाथ मिश्र के निर्देशन में डॉ. विनीता ने इस शोध को किया है। प्रो. मिश्र के अनुसार पांच साल से चल रहा शोध अब पूरा हो गया है, इसका प्रकाशन भी हो चुका है। अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है, जिसका अगर सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो संबंधित मरीज को जीवन भर इसी रोग के साथ रहना पड़ता है।शोध में यह बताया गया कि माइल्ड कॉग्निटिव इंपेयरमेंट यानी एमसीआई इसकी वजह से संबंधित व्यक्ति के बोलने, समझने, व्यवहार में परिवर्तन की समस्या आ जाती है। अस्पताल में चलने वाली ओपीडी में हर महीने औसतन 50 से 60 मरीज अल्जाइमर वाले पहुंच रहे हैं। मरीजों को इस बीमारी के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। इन मरीजों में वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों के भी हैं।
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