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संतों की चेतावनी: सनातन पर दिए बयान पर माफी मांगे उदयनिधि, एक हफ्ते का समय, नहीं तो हम आ रहे हैं तमिलनाडु

संतों की चेतावनी: सनातन पर दिए बयान पर माफी मांगे उदयनिधि, एक हफ्ते का समय, नहीं तो हम आ रहे हैं तमिलनाडु

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Warning from saints: Udayanidhi should apologize for his comment on Sanatan

अयोध्या में जुटे संतों ने दी चेतावनी।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी का मामला अब साधु-संतों के बीच पहुंच गया है। अयोध्या स्थित आचार्य पीठ तपस्वी छावनी में सोमवार को धर्म संसद अयोजित की गई। इस कार्यक्रम में जुटे संत-धर्माचार्यों ने एक स्वर में कहा कि सनातन धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधि स्टालिन माफी मांगे। इसके लिए हम उन्हें एक सप्ताह का समय देते हैं। अगर वह माफी नही मांगते हैं। तो देश के हम सभी संत-धर्माचार्य तमिलनाडु के लिए कूच करेंगें।

धर्मसंसद की अध्यक्षता करते हुए जगद्गुरू परमहंस आचार्य ने बोले कि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को अपमानित करने का काम किया जा रहा। संवैधानिक पदों पर बैठे लोग ही असंवैधानिक बयान दे रहे हैं। देश के 120 करोड़ सनातनी अभी जिंदा हैं। ऐसी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

सनातन धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी, निंदा करने वालों को सत्ता से हटाने व भगाने का काम करेंगे। संत-धर्माचार्यों ने धर्मसंसद में निर्णय लिया है कि सनातन धर्म पर अमर्यादित बयान देने वाला डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन एक सप्ताह के अंदर माफी नही मांगते हैं तो देश के हजारों संत-धर्माचार्य तमिलनाडु के लिए कूच कर वहां विरोध प्रदर्शन करेंगे।

इस मौके पर संकटमोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास ने कहा कि जो भी लोग सनातन धर्म की निंदा व कटाक्ष कर रहे हैं। उन्हें पता नही सनातन धर्म सबकी जननी है। सनातन धर्म पर कटाक्ष करने वालों का विनाश निश्चित है। यदि सनातन धर्म पर अमर्यादित टीका-टिप्पणी बंद नही हुई तो वह राष्ट्रपति से मिलेंगे। इसके बाद वह संसद भवन का घेराव करेंगे।

 श्रीनिर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत मुरली दास ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन, ए राजा, स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे लोग धर्म विरोधी हैं, इनका पतन निश्चित है। धर्मसंसद में महंत जगदीश दास, महंत रामचरण दास, सरपंच रामकुमार दास, महंत नंदराम दास, पुजारी हेमंत दास, पहलवान राजेश दास, मामा दास समेत सैंकड़ों संत-धर्माचार्य मौजूद रहे।

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