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हॉकी : जीत का जुनून लिए व्यवस्थाओं से हार रहे खिलाड़ी

हॉकी : जीत का जुनून लिए व्यवस्थाओं से हार रहे खिलाड़ी

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रामपुर। खेल विभाग की लापरवाही के चलते जिले में दो-दो एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान होने के बाद भी खिलाड़ी घास के मैदान में हॉकी खेलने को मजबूर हैं। पनवड़िया स्थित हॉकी मैदान देखभाल के अभाव में बदहाल हो गया तो वहीं सींगनखेड़ा स्थित मैदान में बंद पड़ा हैं।

बुधवार को शहीद आजम स्पोर्ट्स स्टेडियम में घास के मैदान पर हॉकी खेल रहे खिलाड़ियों से जब बातचीत की गई तो उनका दर्द उभर आया।

खिलाड़ियों ने कहा कि इसे बदकिस्मती ही कहेंगे कि दो-दो एस्ट्रोटर्फ होने के बाद भी घास के मैदान पर खेलने को मजबूर हैं। ऐसे में जब किसी प्रतियोगिता में एस्ट्रोटर्फ पर खेलते हैं तो प्रदर्शन में कमी आती है। प्रशासन को जल्द से जल्द बंद पड़े मैदान को खुलवाना चाहिए, ताकि हम सब वहां अभ्यास कर सकें।

रामपुर के सींगनखेड़ा में 20 हजार की दर्शक की क्षमता वाला हॉकी का एस्ट्रोटर्फ मैदान बंद पड़ा है। यहां स्टेडियम बनवाने का मकसद राष्ट्रीय खेल को बढ़ावा देना था, लेकिन जिम्मेदारों की उपेक्षा के चलते आज यह स्टेडियम बंद पड़ा है। अब यहां घास उग आई है। वहीं खेल विभाग का कहना है कि स्टेडियम के अंदर तेंदुआ है, इसलिए इसे नहीं खोला जा रहा है। विभाग की उपेक्षाओं के चलते दिल में जीत का जुनून लिए खिलाड़ी व्यवस्थाओं से हार रहे हैं।

क्या कहते हैं खिलाड़ी :

एस्ट्रोटर्फ और घास के मैदान में प्रैक्टिस करने में जमीन आसमान का अंतर है। एस्ट्रोटर्फ में खेलते समय एक एकाग्रता और माहौल मिलता है, जबकि लंबी घासों में हॉकी उतना वर्क नहीं कर पाती। उसमें मशक्कत अधिक होती है। एस्ट्रोटर्फ मैदान को खुलवाना चाहिए।

-श्याम, हॉकी खिलाड़ी

आज हॉकी स्टिक से लेकर जितने भी संसाधन है सभी महंगे हैं। खिलाड़ी प्रैक्टिस तो कर लेगा, लेकिन कई बार व्यवस्थाओं से हार जाता है। स्टेडियम में सभी खेल संसाधन होने चाहिए, वह नहीं मिल पाते। प्रैक्टिस के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।

-कमर फैय्याज, हॉकी खिलाड़ी

उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों से सरकार और खेल विभाग को उम्मीदें तो बहुत रहती हैं, मगर जमीनी स्तर पर आकर देखें कि मुश्किलें क्या होती हैं। कभी खिलाड़ियों से किसी ने नहीं पूछा कि उनको परेशानी क्या है। खिलाड़ी समझौता करने को मजबूर हैं।

-नीरज, हॉकी खिलाड़ी

सही ट्रेनिंग के साथ बेहतर व्यवस्थाएं हों तो खिलाड़ी क्या नहीं कर सकता, लेकिन जज्बा है और जुनून भी और मार्गदर्शन भी सही मिल रहा है, लेकिन व्यवस्थाएं उस हिसाब से नहीं है। हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ तो बन गए, लेकिन इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

-शोभित, हॉकी खिलाड़ी

वर्जन :

विधायक बोले, जल्द शुरू होगा सींगनखेड़ा स्टेडियम

रामपुर। हॉकी खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा मिल सके इसलिए करोड़ों की लागत से सींगनखेड़ा में बने स्टेडियम को चालू कराने की मुहिम में शहर विधायक आकाश सक्सेना भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सींगनखेड़ा का स्टेडियम जल्द ही खुलवाकर यहां मैच कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रामपुर हॉकी का गढ़ रहा है। सरकार ने युवा खेल प्रतिभाओं को निखारने और विश्वभर में रामपुर का नाम रोशन करने के लिए ग्राम सींगनखेड़ा में अत्याधुनिक स्टेडियम का निर्माण कराया। जल्द ही यह स्टेडियम चालू होगा, इसके लिए संबंधित विभाग के अफसरों से बात की जाएगी। साथ ही स्टेडियम के संचालन में जो भी अवरोध हैं, उन्हें दूर कराया जाएगा। ताकि, खेल प्रतिभाओं को उभरने का अवसर प्राप्त हो सके।

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