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![69000 सहायक शिक्षक भर्ती : विशेष खंडपीठ करेगी आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई, फैसले को दी गई है चुनौती 69000 assistant teacher recruitment: Special bench will hear the issue of reservation](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/08/08/up-basic-teacher_1691505976.jpeg?w=414&dpr=1.0)
69 हज़ार शिक्षक भर्ती में एक साथ कई विवाद चल रहे हैं।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले से जुड़े 19 हजार सीटों पर हुए चयन में एकल पीठ के फैसले को आरक्षण के मुद्दे पर चुनौती देने वाली विशेष अपीलों पर अब विशेष खंडपीठ सुनवाई करेगी। इसके लिए मुख्य न्यायमूर्ति प्रशासनिक आदेश जारी कर अपीलों पर सुनवाई करने वाली विशेष खंडपीठ नामित करेंगें। मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को यह मामला सुनवाई के लिए पेश हुआ। एक पक्षकार के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि अपीलों पर सुनवाई को मुख्य न्यायमूर्ति ने विशेष खंडपीठ नामित करने का मौखिक आदेश दिया।
खुद को आरक्षण पीड़ित बताने वाले 13 अभ्यर्थियों समेत अन्य अभ्यर्थियों ने विशेष अपीलें दाखिल कर,इस मामले में एकल पीठ के बीते 13 मार्च के फैसले को, दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष विशेष अपील दायर कर चुनौती दी है। इन कथित आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में 19000 के आसपास सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। कहा कि बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की इस भर्ती में ठीक तरह से ओवरलैपिंग नहीं कराई गई है, जो पूरी तरह से गलत है।
प्रत्येक भर्ती की एक मूल चयन सूची बनाई जाती है। लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटेगरी, सबकैटिगरी आदि को छिपाकर जिला आवंटन सूची पर इस भर्ती प्रक्रिया को संपन्न कर दिया गया। जो पूरी तरह से गलत है।
राज्य सरकार ने इस भर्ती की मूल चयन सूची आज तक जारी नहीं की। जबकि, प्रत्येक भर्ती की एक मूल चयन सूची जारी की जाती है। जिसमें अभ्यर्थियों के गुणांक , कैटिगरी, सबकैटिगरी आदि को दर्शाया जाता है। साथ ही इसे विभाग की साइट पर अपलोड किया जाता है। लेकिन, बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसा नहीं किया। अपीलकर्ताओं का कहना है कि गत 13 मार्च को एकल पीठ ने फैसले में राज्य सरकार को इस भर्ती की पूरी सूची को सही करने के लिए 3 महीने का समय दिया था। जो पूरा हो चुका है।
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