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![मुरादाबाद दंगे: नगरपालिका अफसर की हत्या के बाद पुलिस ने चलाई थी गोली, तब ईदगाह में मौजूद थे 70 हजार लोग Moradabad riots: After murder municipal officer police opened fire, 70 thousand people were present Idgah](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/08/08/750x506/moradabad-riot_1691516556.jpeg?w=414&dpr=1.0)
मुरादाबाद दंगे (प्रतीकात्मक)
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
मुरादाबाद में 13 अगस्त 1980 की सुबह ईदगाह पर नमाज के बाद मुस्लिम लीग के नेता डॉ. शमीम अहमद के उकसाने पर भड़की भीड़ ने सरकारी कर्मचारी और पुलिस कर्मियों पर हमला शुरू कर दिया था। नगर पालिका के एक अधिकारी को पीट पीटकर मौत के घाट उतारा गया तो एडीएम सिटी के आदेश पर एएसपी ने भीड़ पर गोली चलवा दी थी।
आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार के दिन हुई यह हिंसा उस साल की देश की सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। ईदगाह के मैदान और उसके पास करीब 70 हजार लोग मौजूद थे। ईदगाह से लेकर संभल चौराहे और दूसरी साइड में गलशहीद तक सड़क पर नमाजी मौजूद थे।
वहां उस वक्त के डीएम एसपी आर्य, एसएसपी विजय नाथ सिंह, एडीएम सिटी आरपी सिंह, सीओ एसके मिश्रा समेत अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी के अलावा पुलिस और पीएसी के जवान मौजूद थे। इसके अलावा हर साल की तरह हिंदू भी ईद की बधाई देने के लिए मौजूद थे।
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