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शिवराज कैबिनेट का विस्तार सुबह शनिवार सुबह 8.45 बजे होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देर रात राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात की। इसके बाद शनिवार सुबह कैबिनेट विस्तार होने की जानकारी दी गई है। बता दें, इससे पहले मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर में पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि विस्तार की बात आपसे ही सुन रहा हूं। हालांकि, सीएम के इस बयान के बाद भी अटकलों को बाजार गर्म रहा। पहले शुक्रवार शाम को विस्तार की चर्चा चलती रही और अंतत: शनिवार सुबह कैबिनेट विस्तार पर मुहर लग गई।
सीएम शिवराज सिंह चौहान से जबलपुर में पत्रकारों ने पूछा था कि ऐसी खबरें हैं कि शुक्रवार रात 8 बजे नए मंत्री शपथ लेने वाले हैं….? उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं भी यह आपसे ही सुन रहा हूं। इसके बाद सीएम ने भोपाल पहुंचते ही राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात की। इसके बाद राजेंद्र शुक्ल, गौरी शंकर बिसेन और राहुल लोधी को शनिवार सुबह 8.45 बजे शपथ दिलाने की जानकारी सामने आई।
कई दिनों से चल रही थी अटकलें
बीते कुछ दिनों से मंत्रिमंडल के विस्तार की लगातार अटकलें चल रही हैं, हालांकि, अधिकृत रूप से इस बारे में कोई सूचना राज्य सरकार या भाजपा द्वारा नहीं दी जा रही थी। विस्तार में रीवा से विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल, बालाघाट से विधायक और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन और खरगापुर से विधायक राहुल लोधी मंत्री पद की शपथ लेंगे। तीनों ही विधायक और उनके समर्थक भोपाल में डेरा डाले हुए हैं।
चार पद खाली
शिवराज मंत्रिमंडल में 35 में से चार पद खाली हैं। अभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा 30 मंत्री हैं। अब चुनाव आचार संहिता लगने के करीब डेढ़ महीने पहले तीन नए चेहरों को शपथ दिलाने की चर्चा है। इससे सरकार जातिगत, क्षेत्रीय समीकरण साधने के साथ ही नाराजगी दूर करना चाहती है।
विंध्य से हैं राजेंद्र शुक्ल
पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल फिर मंत्री बनने जा रहे हैं। रीवा में जन्मे शुक्ल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वे 2003 में विधानसभा चुनाव जीत कर राजनीति में सक्रिय हुए। इसके बाद 2008 और 2013 में विधानसभा चुनाव जीता। 2013 में शुक्ल मंत्री बने। 2018 में भी चुनाव जीते। शुक्ला विंध्य में पार्टी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं। पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में विंध्य में कांग्रेस से कांटे की टक्कर मिलती दिख रही है। आम आदमी पार्टी भी कड़ी टक्कर दे रही है। सिंगरौली महापौर सीट पार्टी के हाथ से निकल गई। इसे क्षेत्र में पार्टी के प्रति नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट में भी पार्टी की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में अब शुक्ल को मंत्री बनाकर पार्टी क्षेत्र की जनता को साधने की कोशिश में है।
महाकौशल में बिसेन के जरिए ओबीसी कार्ड
पूर्व मंत्री और विधायक गौरीशंकर बिसेन अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। अभी वे मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भी हैं। 1952 में गौरीशंकर बिसेन का जन्म बालाघाट में हुआ। गौरीशंकर बिसेन ने सात बार विधायक और लोकसभा का चुनाव जीता है। बिसेन ने 1985 में विधानसभा का चुनाव जीत कर राजनीतिक सफर की शुरुआत की। इसके बाद 1990 और 1993 में बालाघाट से लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीता। 1998 में उनकी पत्नी बालाघाट से विधानसभा चुनाव लड़ी, लेकिन हार गई। बिसेन ने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद वे 2003 से बालाघाट सीट से लगातार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। महाकौशल में बड़ी संख्या में ओबीसी वोटर हैं। बिसेन को मंत्री बनाकर ओबीसी वर्ग को साधने की रणनीति बनाई जा रही है।
लोधी के जरिए बुंदेलखंड जीतने की रणनीति
राहुल सिंह लोधी एक बार के विधायक हैं। वह 2018 में खरगापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते। राहुल पूर्व सीएम उमा भारती के भतीजे हैं। बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल में बड़ी संख्या में लोधी वोटर हैं। राहुल लोधी को मंत्री बनाकर भाजपा बुंदेलखंड के साथ ही ओबीसी वोटर को साध रही है।
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