[ad_1]
![Bank Fraud: 538 करोड़ के घोटाले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल गिरफ्तार, ईडी ने की कार्रवाई ED arrests Jet Airways founder Naresh Goyal in bank fraud linked money laundering case: Officials](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2019/05/25/former-chairman-of-jet-airways-naresh-goyal_1558797453.jpeg?w=414&dpr=1.0)
जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल
– फोटो : एएनआई
विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी के अधिकारी ने शुक्रवार को इसके बारे मे जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया कि 74 वर्षीय गोयल को शनिवार को मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा और ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने शुक्रवार देर रात गोयल को गिरफ्तार किया। इससे पहले दिन में, मुंबई स्थित केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया था।
जेट एयरवेज, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने केनरा बैंक की शिकायत पर गोयल दंपती और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। ईडी ने मामले की जांच सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी मामले में गोयल, उनकी पत्नी अनिता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों को आरोपी बनाया है।
बैंक ने सीबीआई को शिकायत की थी कि उसने जेट एयरवेज लिमिटेड (जेएएल) को 848.86 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये अब भी बकाया हैं। इस खाते को 29 जुलाई, 2021 को फ्रॉड घोषित कर दिया गया था।
फोरेंसिक ऑडिट से खुलासा
बैंक का आरोप था कि कंपनी की फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि गोयल ने अपनी अन्य कंपनियों को 1410.41 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में भुगतान किया और जेट का पैसा बाहर भेजा। सहयोगी कंपनियों को कर्ज और अन्य निवेश के जरिये भी भुगतान किया गया।
धन की हेराफेरी का आरोप
सीबीआई का आरोप है कि गोयल परिवार के कर्मचारियों के वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च जैसे निजी खर्चों का भुगतान कंपनी द्वारा किया गया था। इसके अलावा फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला कि जेट लाइट (इंडिया) लिमिटेड (जेएलएल) के जरिये अग्रिम भुगतान और निवेश के माध्यम से धन की हेराफेरी की गई और बाद में प्रावधान करके उसे बट्टे खाते में डाल दिया गया। सीबीआई के मुताबिक, जेआईएल ने अपनी सहायक कंपनी जेएलएल के लिए ऋण और निवेश के रूप में धन का उपयोग किया।
बता दें, ईडी ने जुलाई में जेट एयरवेज के पूर्व प्रमोटर नरेश गोयल और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान भारतीय और विदेशी मुद्रा जब्त की है गई है। ईडी ने एक बयान में कहा था कि उसने एक करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि भी जब्त की है। ईडी ने 2020 में मुंबई पुलिस की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद गोयल और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था।
कर्ज के बोझ ने आसमान से उतारा
नरेश गोयल ने 1990 के दशक की शुरुआत पत्नी अनीता के साथ मिलकर जेट एयरवेज एयरलाइन की नींव रखी थी और देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन बनाया। लेकिन कर्ज के बढ़ते बोझ ने उसकी उड़ान थाम ली। कंपनी पर केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडीकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और इलाहाबाद बैंक सहित कुछ विदेशी बैंकों के 8,000 करोड़ का कर्ज चढ़ गया और लीज का किराया न चुकाने के चलते जेट एयरवेज 17 अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड हो गई थी।
[ad_2]
Source link