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G20: विदेशी मेहमानों से पहले कौन चखेगा भोजन? MI-6 जैसी खुफिया एजेंसियों के जरिए टेबल पर पहुंचेंगी प्लेट

G20: विदेशी मेहमानों से पहले कौन चखेगा भोजन? MI-6 जैसी खुफिया एजेंसियों के जरिए टेबल पर पहुंचेंगी प्लेट

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G20: Who will taste the food before the foreign guests plates will reach table through intelligence agencies

G20
– फोटो : Amar Ujala

विस्तार


‘जी20’ देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अनेक देशों के राष्ट्रध्यक्ष और सरकार के प्रमुख दिल्ली पहुंचेंगे। विदेशी मेहमानों के लिए ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर की सूची तैयार हो चुकी है। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कुछ व्यंजन अतिथियों की पसंद के मुताबिक तैयार कराए गए हैं, बाकी भारत के पारंपरिक पकवान परोसे जाएंगे। विदेशी मेहमानों की टेबल तक जो भी व्यंजन पहुंचेगा, उससे पहले दुनिया की टॉप खुफिया एजेंसियों के सदस्य उस भोजन का स्वाद चखेंगे। इसके बाद यूएस जैसे कई प्रमुख देशों के राष्ट्रध्यक्ष और सरकार के प्रमुखों के साथ आए डॉक्टर उस खाने का स्वाद लेंगे। इसके बाद ही वह खाना, राष्ट्रध्यक्ष/प्रधानमंत्री की टेबल पर पहुंचेगा। खास बात है कि जिस वक्त सभी मेहमान डिनर शुरु करेंगे, उन पर संबंधित देशों की खुफिया एजेंसियों के सदस्यों की नजर रहेगी। खासतौर पर यूएस सीक्रेट सर्विस और एमआई6 जैसी खुफिया एजेंसियां वहां मौजूद होंगी। 

विदेश में नुकसान पहुंचाने की साजिश

सूत्रों का कहना है कि किसी भी राष्ट्र में विदेशी मेहमानों की सुरक्षा और उनके खानपान का विशेष ध्यान रखा जाता है। कई बार ऐसा भी हुआ है कि कोई दो राष्ट्र, किसी तीसरे देश में एक दूसरे के शीर्ष नेतृत्व या उनकी टीम के सीनियर मेंबर को नुकसान पहुंचाने का प्लान बनाते हैं। इसी के मद्देनजर, मेजबान देश, विदेशी मेहमान की सुरक्षा के लिए अचूक घेरा तैयार करता है। होटल में ठहरने, बैठक स्थल तक पहुंचने और दूसरी जगहों के लिए रूट लगता है। इसके बाद नंबर आता है भोजन का। यहां पर बहुत ज्यादा सावधानी बरती जाती है। एक अधिकारी के मुताबिक, देखिये ये बहुत कुछ सदस्य राष्ट्र पर निर्भर करता है।

 

अमेरिका किसी देश की सुरक्षा पर भरोसा नहीं करता

कुछ ऐसे देश भी हैं जो मेजबान देश के सिक्योरिटी घेरे पर भरोसा करते हैं, तो दूसरी ओर कई देश विश्वास नहीं करते हैं। वे अपने साथ ही सुरक्षा कर्मियों का एक बेड़ा साथ लेकर चलते हैं। इन्हीं में अमेरिका टॉप पर है। वहां पर अगर राष्ट्रपति, दूसरे मुल्क में जाता है तो उसके साथ गाड़ी से लेकर सुरक्षा कर्मी तक, सब साथ जाते हैं। विदेशी मेहमानों के लिए जो भी व्यंजन तैयार होता है, उस पर बराबर नजर रहती है। जैसे यहां पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की बात करें तो उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार यूएस सीक्रेट सर्विस का दस्ता, भोजन पर नजर रखता है। दस्ते के साथ सदस्य अपने तरीके से व्यंजनों की जांच करते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति के डॉक्टर उसकी जांच करते हैं। दोनों जगह से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही उस व्यंजन को परोसा जाता है। सीक्रेट सर्विस के सदस्य, कई दिन पहले ही संबंधित होटल में पहुंच जाते हैं। खास बात है कि जब राष्ट्रपति भोजन करते हैं तो वहां पर डॉक्टर मौजूद रहते हैं। इनके अलावा वहां सीक्रेट सर्विस के पास उस ब्लड ग्रुप का पैकेट भी रहता है, जो ब्लड ग्रुप राष्ट्रपति का है। यह व्यवस्था किसी भी आपातकाल से निपटने के लिए सीक्रेट सर्विस की ड्रिल का हिस्सा होती है। 






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