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Vinay Srivastava Murder case
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
भाजपा कार्यकर्ता विनय श्रीवास्तव हत्याकांड का खुलासा भले ही पुलिस कर चुकी है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज आने के बाद मामला उलझ गया है। परिजन भी पुलिस के खुलासे से संतुष्ट नहीं हैं। वह पहले दिन से पुलिस की कहानी पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
सवाल है कि ….आखिर सच और सुबूतों को पुलिस सामने क्यों नहीं रख रही है। आधे-अधूरे साक्ष्यों के आधार पर की गई कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। मंत्री का आवास सीसीटीवी कैमरों से लैस है। उस कमरे का कैमरा बंद था जिसमें विनय को गोली मारी गई। बाकी कैमरे चल रहे थे।
कुछ फुटेज भी सामने आए हैं। पुलिस ने खुलासा करने के दौरान दावा किया था कि तीन आरोपी वारदात में शामिल थे, जबकि उनके दो परिचित सौरभ रावत और अरुण प्रताप सिंह बंटी वारदात से पहले ही चले गए थे।
अब सवाल है कि आखिर ये दावा सही है तो पुलिस ने सुबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज सामने क्यों नहीं रखे? अगर फुटेज सामने होते तो पीड़ित परिवार भी खुलासे पर यकीन करता और सवाल न खड़े होते?
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