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![Janmashtami: शिव की नगरी में मथुरा-वृंदावन की झलक, मंगल ध्वनि के बीच जन्मे भगवान श्रीकृष्ण Janmashtami 2023 Glimpse of Mathura Vrindavan in varanasi Lord Shri Krishna born a](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/09/07/varanasi_1694025452.jpeg?w=414&dpr=1.0)
बाबा विश्वनाथ के आंगन में कन्हाई की नयनाभिराम झांकी सजाई गई
– फोटो : अमर उजाला
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कण-कण शंकर की नगरी नटवर नागर के जन्मोत्सव पर कृष्णमय हो उठी। भगवान के स्वागत में देवराज इंद्र भी झूमकर बरसे। काशी की गलियों से लेकर शहर के मंदिर भी जय श्रीकृष्ण के महामंत्र से गूंज उठे। अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि और बुधवार के दिन का संयोग द्वापर के बाद फिर से बना। काशीवासियों ने भी लीलाधर के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी। श्री काशी विश्वनाथ धाम से लेकर शहर के सभी मंदिरों में जन्मोत्सव का उल्लास नजर आया। कहीं सोहर गीत गूंजे, कहीं केक काटा गया तो कहीं महाआरती उतारी गई।
मोहरात्रि में सोलह कलाओं से परिपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण के अवतार की छटा से काशी में अद्भुत छटा बिखरी। मध्यरात्रि में जैसे ही घड़ी की सूईयों ने 12 बजाया, शहर के मठ, मंदिर और घरों में शंख ध्वनि के साथ घंटा घड़ियाल गूंज उठे। श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी…से चारों दिशाएं गूंज उठी। पंचामृत से बाल गोपाल को स्नान कराने के बाद महाआरती उतारी गई।
भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। घरों के साथ ही मंदिरों में भी झांकियों में सजे नंद के घर का नजारा देखकर श्रद्धालु भी मोहित हो उठे। कान्हा के जन्मोत्सव की खुशी में शिव की नगरी काशी नंदगांव की तरह सजी-धजी नजर आई। पत्तियों से की गई सजावट ने हर किसी का ध्यान खींचा। जन्मोत्सव के बाद जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी… के गगनभेदी जयकारे गूंजते रहे। गृहस्थों ने व्रत रखकर भगवान का जन्मोत्सव मनाया। श्री काशी विश्वनाथ धाम के सत्यनारायण मंदिर में जन्मोत्सव की झांकी सजाई गई।
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