[ad_1]
![Bengaluru: ‘मैं परेशान नहीं हूं', लोकसभा चुनाव के लिए BJP और JDS के बीच समझौते पर सिद्धारमैया Siddaramaiah on BJP & JDS poll pact for Lok Sabha Polls](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/09/08/ranataka-ka-parava-makhayamatara-besa-yathayarapapa_1694168239.jpeg?w=414&dpr=1.0)
पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बयान पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बोले।
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और जेडीएस के बीच चुनावी समझौते को लेकर परेशान नहीं हूं। मुझे पता है कि लोग कांग्रेस पार्टी का समर्थन करेंगे।
बीएस येदियुरप्पा के बयान के बाद राजनीति में उभान
दरअसल, यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी लोकसभा चुनाव में जनता दल (सेक्यूलर) के साथ गठबंधन की योजना बना रही है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार यानी आज ही बताया था कि राज्य की चार सीटों पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह जेडीएस को चार लोकसभा सीट देने के लिए सहमत हैं। यह भाजपा के साथ चुनावी समझौते के तहत हुआ है।
मुझे परवाह नहीं: सिद्धारमैया
उनके इस बयान के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। सिद्धारमैया ने पत्रकारों से कहा कि चाहे गठबंधन हो या वे अलग-अलग लड़ेंगे, मुझे इसकी परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोगों से वोट करने की अपील करेंगे। लोग हमारे साथ हैं। वे हमें वोट देंगे।
चुनावी तालमेल के तहत लड़ेंगे चुनाव
इससे पहले, भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य येदियुरप्पा ने कहा था कि चुनावी तालमेल के तहत जेडीएस कर्नाटक में 28 संसदीय क्षेत्रों में से चार पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और जेडीएस के बीच तालमेल होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जेडीएस को चार लोकसभा सीट देने के लिए राजी हो गए हैं। येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इसने हमें काफी ताकत दी है और इससे साथ मिलकर हमें 25-26 लोकसभा सीट जीतने में मदद मिलेगी। इससे पहले जेडीएस प्रमुख देवेगौड़ा ने हाल में कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
25 सीट पर की थी जीत हासिल
भाजपा ने कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनावों में 25 सीट पर जीत हासिल की थी, वहीं, भाजपा समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस और जद(एस) ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की थी।
कोई नया घटनाक्रम नहीं: शिवकुमार
उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस घटनाक्रम को नया नहीं बताया। उन्होंने कहा, “समझदारी रखें, उन्हें ऐसा करने दें। पहले भी उन्होंने ऐसा किया था जब भाजपा नेता आर अशोक और कुमारन्ना पिछली भाजपा-जेडीएस गठबंधन सरकार में एक साथ आए थे। वे अपने अस्तित्व के लिए कुछ भी करते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन मेरा सवाल यह है कि उनकी (जेडीएस) विचारधारा कैसे काम करती है? देवेगौड़ा ने पहले की स्थितियों में भाजपा के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया था।
भविष्य में जेडीएस के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए शिवकुमार ने कहा कि यह उनपर छोड़ दिया गया है। उन्होंने एक विचारधारा के आधार पर एक पार्टी बनाई होगी। मुझे नहीं पता कि उनकी पार्टी, उनके विधायकों, पूर्व विधायकों के साथ क्या होगा। यह उन पर छोड़ दिया गया है।
अभी क्या है कर्नाटक में लोकसभा सीटों की स्थिति?
फिलहाल राज्य में भाजपा और जेडीएस के सियासी ताकत की बात करें तो जेडीएस के मुकाबले भाजपा काफी आगे दिखती है। राज्य में 28 लोकसभा सीटों में से सबसे ज्यादा 25 सीटें भाजपा के पास हैं। इसके अलावा एक-एक सांसद कांग्रेस-जेडीएस और एक जेडीएस समर्थक निर्दलीय सांसद है।
भाजपा-जेडीएस गठबंधन होने से फायदा किसका?
जब कर्नाटक की बात आती है तो जेडीएस के साथ बीजेपी के रिश्ते को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाती हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि एक साथ जाने से दोनों पार्टियों को मदद मिलेगी, दूसरों का कहना है कि भाजपा के लिए संभावित मामूली लाभ गठबंधन के लायक नहीं हो सकता है। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन की ओर इशारा किया जाता है, जब दोनों पार्टियां केवल एक-एक सीट ही जीत सकीं।
[ad_2]
Source link