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![Rampur News: तीसरे दिन भी कई सड़कों पर भरा बारिश का पानी Rain water filled many roads for the third day](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2021/12/02/rampur_1638431627.jpeg?w=414&dpr=1.0)
रामपुर। जिले में चौथे दिन भी जलभराव बरकरार रहा। वहीं 96 घंटे बाद भी मोहल्लों में पानी निकासी नहीं होने से बाशिंदों ने प्रदर्शन करते हुए नगरपालिका को आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं सैदनगर का मॉडल स्कूल भी पानी में डूबा है, जबकि प्राणपुर रोड पर पानी के बीच से वाहनों की आवाजाही होती रही। बच्चे भी पानी के बीच से निकलते रहे।
रामपुर के जेल रोड की स्थिति काफी चिंताजनक रही, यहां पर करीब एक फीट तक पानी भरा है। बाशिंदों ने पानी निकासी न होने के चलते डिवाइडर तोड़ दिया, लेकिन फिर भी पानी नहीं निकल सका। ऐसे में लोग बेबसी के चलते पानी में घुसकर निकलने को मजबूर रहे। उधर, पानी की निकासी न होने से रामपुर में लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। जेल रोड पर बारिश का पानी भरने पर लोगों ने पुलिया को तोड़ दिया है, लेकिन इसके बाद भी पानी निकासी नहीं हुई। जिसके बाद लोगों ने प्रदर्शन किया और पानी निकासी न हो पाने के लिए नगर पालिका को दोषी ठहराया है।
रामपुर में लाल मस्जिद नालापार वार्ड-16 में लोग भी जलभराव से परेशान हैं, जबकि सैदनगर के घाटमपुर की बात करें तो यहां पर एक माॅडल स्कूल पिछले दो दिन से पूरी तरह से पानी में डूबा है, जिसकी निकासी के लिए कोई इंतजाम नहीं हो सके हैं। बच्चों को पढ़ने में दिक्कतें हो रही हैं। सैदनगर में मंगलवार को बच्चे नहीं आ सके हैं। इसके साथ ही प्राणपुर रोड पर लोगों की आवाजाही काफी मुश्किलों से हो पा रही है। बाइक, कारें और पैदल चलने वाले सभी लोग लबालब पानी से होकर गुजर रहे हैं।
घेर मियां खां मोहल्ले में हालात बेहद खराब : रामपुर शहर के मोहल्ला घेर मियां खां के हालात बेहद खराब हैं। पानी निकासी के लिए कोई जगह नहीं है। महिलाओं के पास खाना बनाने के लिए भी जगह नहीं बची है। लोग घरों से बाहर रिश्तेदारों के घर खाना बनाने और अन्य गतिविधियां करने को मजबूर हैं।
खेतों में घुस गया पानी, निकासी का रास्ता नहीं : कोसी और पीलाखार नहीं उफनाने के बाद चौथे दिन भी पानी निकासी नहीं हो सकी है। आलम यह है कि यहां पर खेतों में पानी घुस चुका है। जबकि यहां से निकासी का रास्ता न होने के चलते यहां पर नदी सी बन गयी है, जिसमें 10 फुट तक पानी भर गया है। आसपास के क्षेत्रों के किसानों की फसलें भी खराब हो चुकी हैं।
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