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रामपुर। बुखार का पता लगाने के लिए डॉक्टर दवा देने से पहले खून की जांच कराते हैं। जिससे कि बीमारी का पता लगाया जा सके। जिला अस्पताल में रोगी को यह जांच रिपोर्ट तीन दिन में मिल पा रही है। ऐसे में रोगियों को समय से उपचार नहीं मिल पा रहा है। पैथोलॉजी लैब में हर रोज 150 से 200 रोगियों की खून की जांच हो रही है।
रविवार के अवकाश बाद सोमवार को जिला अस्पताल में 912 पर्चे बने। पर्चा काउंटर से लेकर डॉक्टर के कमरे और पैथोलॉजी लैब के बाहर मरीजों की भीड़ रही। ओपीडी में वायरल बुखार के रोगियों को देखने के लिए तीन डॉक्टर बैठे थे। इनमें सर्वाधिक रोगी जनरल फिजीशियन डॉ. डीके वर्मा के पास इलाज के लिए पहुंचे। उन्होंने बताया कि ओपीडी में 250 से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंचे थे। इनमें से 90 के करीब बुखार के रोगियों ने परामर्श लिया। अस्पताल में बुखार के 190 रोगी पहुंचे थे। बुखार के रोगियों की तादात बढ़ने की वजह से अस्पताल की पैथोलॉजी में जांच का दबाव बढ़ गया है। यहां पर हर रोज 150 से 200 रोगियों की खून की जांचें हो रही है। सोमवार कोे यहां पर 140 रोगियों की खून की जांच हुई। पैथोलॉजी लैब में जांचें अधिक होने से मरीजों को समय से रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। रिपोर्ट के लिए मरीजों को तीन दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। इस वजह से रोगियों की परेशानी और बढ़ गई है। इधर, बुखार वार्ड में सोमवार को 15 नए मरीजों को भर्ती किया। 12 मरीज डिस्चार्ज हुए।
बोले मरीज
– शनिवार को खून की जांच कराई थी लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पाई है। लैब पर कर्मी कल आकर रिपोर्ट लेने की बात कह रहे हैं।
-शैजी, मरीज
– दो दिन से बुखार आ रहा है। अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के बाद खून की जांच कराई है। लैब कर्मी ने तीसरे दिन रिपोर्ट ले जाने को बोला है। -ठाकुर दास, मरीज
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