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![Odisha Teachers Protest: एक लाख से अधिक शिक्षक पांच दिनों से अवकाश पर, 54 हजार स्कूल बंद; 40 लाख छात्र परेशान 1.30 lakh primary teachers starts protest 54 thousand schools closed in odisha](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/05/10/students-teachers-asked-education-minister-questions-about-poor-education-system-of-sitamarhi_1683706673.jpeg?w=414&dpr=1.0)
प्रदर्शन के कारण वीरान पड़े स्कूल। सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
ओडिशा में सरकारी स्कूलों के प्राथमिक शिक्षकों की आनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। हड़ताल को पांच दिन पूरे हो चुके हैं। ओडिशा में करीब 54,000 स्कूल बंद है, जिस वजह से राज्य के करीब 1.30 लाख शिक्षक सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं, जिससे करीब 40 लाख छात्र परेशान हैं। शिक्षक आंदोलन को लेकर भाजपा-कांग्रेस ने भी राज्य सरकार की आलोचना की है। उन्होंने राज्य सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया है।
शिक्षकों की यह है मांगें
जानकारी के अनुसार, शिक्षकों की मांग है कि संविदा नियुक्ति प्रणाली को खत्म कर पुरानी पेंशन लागू की जाए। हड़ताल पर बैठे शिक्षकों की मांग है कि ग्रेड वेतन में बढ़ोत्तरी की जाए। ओडिशा सरकार ने हड़ताल वापस लेने की मांग की है। बावजूद इसके शिक्षकों ने अपना आंदोलन जारी रखा है। यूनाइटेड प्राइमरी टीचर्स फेडरेशन के बैनर तले शिक्षकों ने आठ सितंबर को आंदोलन शुरू किया। विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य के 56 हजार प्राथमिक स्कूल प्रभावित हैं। अधिकांश स्कूलों में सिर्फ प्रार्थना होती है तो वहीं कुछ स्कूल में सिर्फ एक या दो शिक्षक ही हैं।
जानिए, क्या बोले आंदोलनकारी
आंदोलन पर बैठे एक शिक्षक ब्रह्मानंद महराना ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगों पर कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए शिक्षक छुट्टी पर हैं। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के दफ्तर के बाहर बी प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं, शिक्षक नेता का कहना है कि हमारी मांगों पर विचार करने की बजाये सरकार ने उप समिति का गठन किया है। उन्होंने पूछा कि जब अंतर मंत्रालीय पैनल पहले ही गठित कर दिया गया है तो उप-समिति की क्या आवश्यकता है। शिक्षक नेता का आरोप है कि उप-समिति का गठन सिर्फ चीजों को टालने के लिए किया गया है।
भाजपा-कांग्रेस ने भी की राज्य सरकार की आलोचना
शिक्षक आंदोलन के पक्ष में विपक्षी भाजपा और कांग्रेस भी आ गए हैं। दोनों दलों ने शिक्षकों के मुद्दों को हल न कर पाने के कारण राज्य सरकार की आलोचना की है। भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि पांच दिन बीत जाने के बाद सरकार शिक्षकों की समस्या का समाधान करने में विफल रही। राज्य सरकार के कारण पूरे ओडिसा की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार एक सचिव की यात्रा पर 500 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है तो शिक्षकों को वेतन क्यों नहीं दे पा रही है। भाजपा के अलावा, ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि ओडिशा शिक्षा व्यवस्था में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा हो गई है। सरकार सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठे हुई है।
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