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कौशाम्बी : तिहरे हत्याकांड के सहारे दलितों को साधने की कोशिश, सभी पार्टी के नेताओं का लग रहा जमघट

कौशाम्बी : तिहरे हत्याकांड के सहारे दलितों को साधने की कोशिश, सभी पार्टी के नेताओं का लग रहा जमघट

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Attempt to woo Dalits with the help of triple murder, a gathering of leaders of all parties is seen.

कौशाम्बी के मोहिद्दीनपुर गांव में तिहरे हत्याकांड के परिजनों से मिलने पहुंचे सांसद चिराग पासवान। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


संदीपनघाट कोतवाली के मोहीउद्दीनपुर गौस में हुए तिहरे कांड को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा जहां डैमेज कंट्रोल करने में लगी है। वहीं, विपक्ष दल दलित राजनीति गरमाकर माहौल को पाले में करने की कवायद में है। इसी के चलते सियासी पार्टियां अपने-अपने दल के कद्दावर दलित खासतौर से पासी समाज के नेताओं को तिहरे हत्याकांड के पीड़ित परिवारों के आंसू पोछने भेज रही हैं।

कौशाम्बी संसदीय क्षेत्र सुरक्षित में कौशाम्बी की चायल, मंझनपुर और सिराथू तथा प्रतापगढ़ जनपद की कुंडा और बाबागंज विधानसभा सीट शामिल है। यहां के तकरीबन 18 लाख वोटरों में दलितों की संख्या छह लाख के करीब है। इसमें भी पासी समाज की तादाद सर्वाधिक साढ़े तीन लाख के आसपास है। 2014 से पहले करीब दो दशक तक यहां के दलित वोटों पर बसपा का एकछत्र कब्जा था।

2014 और 2019 के लोकसभा के साथ ही 2019 के विधानसभा चुनाव में दलित वोटर बसपा से खिसक कर बड़ी संख्या में भाजपा के साथ आ गया था। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में जिले की तीनों सीटों पर 60 फीसदी से ज्यादा पासी समाज ने सपा के पक्ष में वोट किया था। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों की निगाह इस वर्ग पर है।

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