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रामपुर। जिले भर में अंतरजनपदीय तबादले पर आए 181 शिक्षकों के लिए स्कूल के आवंटन की प्रक्रिया बुधवार को शुरू हुई। पहले दिन 100 महिला शिक्षकों को स्कूल का आवंटन किया गया। बीएसए दफ्तर में शिक्षकों के रिक्त पदों वाले स्कूलों की सूची को एलईडी पर प्रदर्शित कर स्कूल भरे गए। खास बात ये रही कि एकल स्कूलों को चुनने में शिक्षकों ने रुचि नहीं दिखाई। शिक्षकों ने उन स्कूलों को पसंद किया जिनमें दो या उससे अधिक शिक्षक थे। हाईवे अथवा रोड किनारे के स्कूल शिक्षकों की पसंद में रहे।
जिले भर में बेसिक शिक्षा विभाग के 1596 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। विभाग में चार साल बाद हुई अंतरजनपदीय तबादला प्रक्रिया में गैर जिलों से यहां पर 181 शिक्षकों में ज्वॉइन किया था। इसके बाद स्कूल आवंटन न होने की वजह से ये शिक्षक बीएसए दफ्तर में हाजिरी लगाते रहे। जिले भर में 50 के करीब एकल स्कूल चल रहे हैं। जिनमें एक ही शिक्षक अथवा शिक्षामित्र बच्चों को पढ़ा रहे थे।
आखिरकार ढाई महीने बाद बुधवार को इन शिक्षकों को एनआईसी के पोर्टल पर स्कूल आवंटन की प्रक्रिया को शुरू किया गया। जिसमें जिले बार में 216 स्कूलों की सूची को प्रकाशित किया गया। जिनमें शिक्षकों की कमी थी। इनमें एकल स्कूल भी शामिल थे। बीएसए दफ्तर में शुरू हुई इस प्रक्रिया में शिक्षकों को अधिकतम नौ स्कूल चुनने का विकल्प मिला। इनमें रिक्तियों के हिसाब से शिक्षकों को स्कूल दिए गए। एकल स्कूलों में तैनाती बाद शिक्षकों को अधिक बच्चों के पठन पाठन का भार उठाना पड़ता इसलिए शिक्षक एकल स्कूलों को चुनने से बचते नजर आए।
अधिकांश ने सुविधानुसार हाईवे अथवा रोड किनारे स्कूलों का चयन किया है। जिससे उनके स्कूल के आवागमन में आसानी बनी रहे। पहले दिन 100 शिक्षिकाओं को स्कूल मिल गए चुके हैं। शेष 81 शिक्षकों को बृहस्पतिवार को स्कूल आवंटन किया जाएगा। ऐसे में एकल स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होती नहीं दिख रही है।
शिक्षकों को पूरी पारदर्शिता से ऑनलाइन स्कूल का आवंटन हुआ है। उन्होंने जो स्कूल चुने हैं। उसी के हिसाब से रिक्तियों के आधार पर स्कूल मिले हैं।
संजीव कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, रामपुर।
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