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रामपुर। खेतों में पराली यानी धान के अवशेष जलाने पर किसानों को जुर्माना देना होगा। किसान खेतों में पराली जलाते हैं तो 2500 रुपये से लेकर 15000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके लिए सेटेलाइट के माध्यम से नजर रखी जाएगी। खेतों में पराली जलाने के बाद वायु प्रदूषण से होने वाली जनहानि से बचने के लिए कृषि विभाग ने यह कदम उठाया है। जिले में 1.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की फसल है। इसकी कटाई और थ्रेसिंग का काम शुरू हो चुका है। पराली जलाने से रोकने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। उप कृषि निदेशक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि यदि कोई किसान अपने खेतों में पराली जलाते मिला तो सेटेलाइट के माध्यम से पकड़ लिया जाएगा और उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।
ये है जुर्माना
कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड़ से कम होने पर 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ तक होने पर 5000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक होने पर 15 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। लगातार दो घटनाएं होने पर संबंधित किसान को सरकार की ओर से मिलने वाली अनुदान राशि पर रोक लगा दी जाएगी। पिछले वर्ष पराली जलाने की 108 घटनाएं हुई थीं, जिसमें किसानों पर 87,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। सर्वाधिक 76 घटनाएं बिलासपुर में हुई थीं।
समिति का किया गया गठन
वर्तमान में पराली प्रबंधन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम स्तरीय पराली प्रबंधन समिति गठित कर दी गई है। जिसमें प्रधान, पंचायत सचिव और हल्का लेखपाल को शामिल किया गया है। समिति को ये निर्देश दिए गए हैं कि पराली न जलाकर उसको गोशालाओं को भिजवाया जाए, ताकि सर्दियों के दिनों में पशुओं के काम आ सके।
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