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रामपुर/सैदनगर। जिले में डेंगू जानलेवा होता जा रहा है। सैदनगर ब्लॉक के गांव नगलिया आकिल में सुशील (30) और हाजरा (65) की डेंगू से मौत हो गई। वहीं गांव दौकपुरी टांडा में हाजी अनवार (65) की भी डेंगू से जान चली गई। डेंगू से तीन मौतें होने के बाद लोगों में दहशत है। वहीं शुक्रवार को डेंगू के 12 मामले और सामने आए हैं।
गांव नगलिया आकिल के सुशील और हाजरा को बुखार होने पर मुरादाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां प्राइवेट लैब की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। स्वास्थ्य में सुधार होने पर परिजन इनको गांव ले आए थे, लेकिन बृहस्पतिवार शाम को अचानक तबीयत बिगड़ने पर दोनों की मौत हो गई। वहीं दौकपुरी टांडा में हाजी अनवार को कई दिन से बुखार आ रहा था। परिजनों ने निजी लैब में जांच कराई तो डेंगू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद परिजन शहर के ही एक निजी अस्पताल से उनका इलाज करवा रहे थे। बृहस्पतिवार रात हाजी अनवार की भी मौत हो गई। इन दोनों गांवों में 100 से अधिक से लोग बुखार से पीड़ित चल रहे हैं।
स्वास्थ्य टीमें जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति करके गांव से लौट रही हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से मौत होने से इन्कार किया है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. केके चहल ने बताया कि गांवों में बुखार के रोगियों की लगातार निगरानी की जा रही है। जिन गांवों में लोगों की मौत हुई है वहां स्वास्थ्य टीम को भेजकर लोगों की जांच करवाई जाएगी। जिले में अब तक डेंगू के 265 मामले सामने आ चुके हैं।
बोले लोग
गांव में कई लोग बुखार की चपेट में है। स्वास्थ्य टीमें केवल खानापूर्ति कर गांव से लौट जाती हैं।
-हाजी अब्दुल माजिद
गांव में स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है। मगर यहां पर डॉक्टर नहीं आते हैं। ऐसे में निजी डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है।
-मोहम्मद यासीन
स्वास्थ्य टीमें केवल कागजी कार्रवाई करने गांव में आ रही हैं। लोगों को चेकअप के नाम पर उनको परेशान किया जा रहा है।
-मोहम्मद तौफीक
बुखार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। टीमें आकर कुछ ही लोगों की जांच करती हैं और वापस लौट जाती हैं।
अब्दुल वाहिद
इलाज के लिए निजी डॉक्टर के पास भागना पड़ता है। यहां के स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका रहता है। इस ओर स्वास्थ्य अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।
-रहीस अहमद
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