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Agra: प्रीति नर्सिंग होम के संचालक की डिग्री संदिग्ध, छापे से पहले साक्ष्य किए नष्ट

Agra: प्रीति नर्सिंग होम के संचालक की डिग्री संदिग्ध, छापे से पहले साक्ष्य किए नष्ट

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operator of nursing home destroyed evidence before raid After death of mother and child in Agra

अस्पताल का सांकेतिक फोटो
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


उत्तर प्रदेश के आगरा में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद छापे से पहले जगनेर स्थित प्रीति नर्सिंग होम के संचालक ने साक्ष्य नष्ट कर दिए। अस्पताल को खाली कर दिया। ऑपरेशन थिएटर में सर्जिकल सामान और इलाज के पर्चे भी नहीं मिले। संचालक ने खुद को बीएएमएस बताकर आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में पंजीकृत का लाइसेंस दिखाया। ऑपरेशन करने वाले संचालक और उसकी पत्नी प्रीति की नर्सिंग में डिप्लोमा की डिग्री संदिग्ध मिली है। नोटिस देकर रिकार्ड तलब किए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि नगला वीरभान निवासी हेम सिंह की पत्नी भगवान देवी और उसके नवजात की मौत की जांच करने टीम पहुंची तो यहां 4 बेड मिले थे। कोई मरीज भर्ती नहीं था। पूर्व में भर्ती मरीजों के इलाज के पर्चे नहीं मिले। संभवत छापे से पहले साक्ष्य नष्ट करते हुए अस्पताल खाली कर दिया है। 

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पूछताछ में अस्पताल संचालक रामप्रकाश ने खुद को बीएएमएस और पत्नी प्रीति को नर्सिंग में डिप्लोमाधारी बताया। इन्होंने ही प्रसव के दौरान हालत खराब होने पर आगरा भेजने की जानकारी दी। इनसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, फायर विभाग समेत अन्य की एनओसी मांगी तो वह भी नहीं दिखा पाए। यहां चिकित्सकीय स्टाफ का पैनल भी नहीं था। 

इस पर चिकित्सकीय कार्य पर रोक लगाते हुए ताला लगा दिया है। संचालक से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ के पैनल उनकी चिकित्सकीय डिग्री, मरीजों के पर्चे, संबंधित विभागों की एनओसी समेत अन्य रिकार्ड तलब किए हैं। डॉक्टर की डिग्री जांच के लिए आयुर्वेद अधिकारी को भेजकर जांच कराई जा रही है। 3 दिन में रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने पर अस्पताल पर सील लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

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कोठरी में बना रखा था ऑपरेशन थिएटर

एसीएमओ ने बताया कि अस्पताल में कोठरी में ऑपरेशन थिएटर बना रखा था। यहां पर एक प्रसव टेबल थी, लेकिन कोई सर्जिकल सामान नहीं मिला। अस्पताल में दवाएं और मेडिकल वेस्ट भी नहीं मिला। इससे पूरी तरह से संभावना है कि छापे से पहले मरीजों को हटाते हुए अस्पताल में चिकित्सकीय संबंधी रिकाॅर्ड और औषधियों को हटा दिया है।

आयुर्वेदिक चिकित्सक नहीं करा सकते हैं प्रसव

कार्यवाहक क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ. सुधा सागर का कहना है कि आयुर्वेद चिकित्सक प्रसव नहीं करा सकते हैं। सीएमओ के यहां से पत्र आने पर मामले की जांच कराएंगे। इनकी डिग्री की भी जांच कराई जाएगी।

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