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![अयोध्या: 50 हजार रुपये रंगदारी दो वर्ना दुष्कर्म में फंसा दूंगी... गरीब महिला बनकर नौकरी मांगी फिर किया खेल A woman asked for 50 thousand rupees and threatned to impose rape case against man.](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/09/17/woman-crime-sex-racket-thaha-vayapara_1663432248.jpeg?w=414&dpr=1.0)
प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : फाइल फोटो
विस्तार
एक महिला ने पहले तो एक ट्रस्टी के यहां गरीब महिला बनकर नौकरी हासिल की। आरोप है कि वहां से उसने 20 हजार रुपये चुरा लिए। रुपये मांगने पर महिला ने ट्रस्टी को दुष्कर्म के फर्जी मुकदमे में फंसा देने की धमकी देते हुए 50 हजार की रंगदारी मांगी। इस मामले में कोर्ट ने महिला व उसके गैंग के अन्य छह सदस्यों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने सात दिन के अंदर प्रथम सूचना रिपोर्ट की कॉपी कोर्ट में दाखिल करने का भी आदेश दिया है। यह आदेश सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वितीय पल्लवी सिंह की अदालत से हुआ है। वरिष्ठ अधिवक्ता अमित शुक्ला ने बताया कि शिवनगर कॉलोनी साकेतपुरी के रहने वाले एडवोकेट राम प्रकाश पांडेय शिखर सेवा ट्रस्ट चलाते हैं।
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उन्होंने कोर्ट में अंजलि कनौजिया, पूजा राव, राजेंद्र तिवारी, जयप्रकाश गुप्ता, महेंद्र त्रिपाठी, हनुमान सोनी, दधिबल तिवारी के खिलाफ दी गई अर्जी में कहा है कि कुछ दिन पूर्व ट्रस्ट में सेवा कार्य करने के लिए राजेंद्र तिवारी और पूजा राव एक लड़की अंजलि को लेकर आए और उसे ट्रस्ट में नौकरी पर रखने के लिए कहा। इन दोनों से मेरी पहले से जान-पहचान थी इसलिए उसे मैंने नौकरी पर तीन फरवरी 2023 को रख लिया और अपने आवास चला गया। पांच फरवरी को पूजा राव उनके ट्रस्ट कार्यालय पर गईं और अंजलि को लेकर अपने साथ चली गईं। शाम को जब वह पहुंचे तो अलमारी खुली देखी और उसमें रखे 20 हजार रुपये भी गायब थे।
रामप्रकाश पांडेय ने बताया कि इसकी शिकायत करने राजेंद्र तिवारी और पूजा राव के पास गए तो वहां उपरोक्त सातों लोग उन्हें मिले और 50 हजार की मांग की। रुपये न देने पर फर्जी रूप से डकैती, अश्लील हरकत करने और दुष्कर्म में फंसा देने की धमकी दी। इसकी रिपोर्ट दर्ज करने के लिए उन्होंने पुलिस को अर्जी दी लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। तब उन्होंने कोर्ट में अर्जी देकर सभी लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना कराने की याचना की।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने स्तर से मामले में प्रारंभिक विवेचना करवाई जिसमें प्रथम दृष्टया सभी सातों आरोपी दोषी पाए गए। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने सब के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है।
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