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केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान
– फोटो : Amar Ujala
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लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय पशुधन राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान द्वारा अलग पश्चिम उत्तर प्रदेश की मांग उठाने से जाट आरक्षण का मुद्दा फीका पड़ गया है। इस बात के सियासी गलियारे में कई मायने निकाले जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका बयान पार्टी की कोई दूरगामी योजना तो नहीं है। हालांकि बालियान का कहना है कि यह उनकी निजी राय है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश बने। वैसे भी यह प्रदेश की जनता की मांग है।
अंतरराष्ट्रीय जाट संसद बिरादरी का मंच था। डॉ संजीव बालियान ने राजनीतिक लाभ उठाते हुए वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को बुलंद कर मेरठ इसकी राजधानी बनने की बात कही। प्रदेश के बंटवारे का शिगूफा छोड़ कर बालियान ने जाट आरक्षण के मुद्दे को पीछे कर दिया। उनके इस बयान पर राजनीतिक जानकारों का मानना है। हाल में हुए जाट सम्मेलन का मकसद जाटों को अपने पक्ष में करना है।
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