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रामपुर। जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए शासन से 1.68 करोड़ का बजट मिल चुका है। इसे अस्पताल में विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की कमी रोगियों के लिए ऐसी मर्ज बन चुकी है, जिसके ठीक होने में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। हाल में दो नए डॉक्टर मिले हैं, लेकिन अस्पताल में आठ और डॉक्टरों की जरूरत है।
जिला मुख्यालय पर बने अस्पताल में शानदार भवन से लेकर रोगियों के लिए सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी लैब आदि की सुविधा है। अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट भी लगे हुए हैं। जिनको सभी 270 बेडों से जोड़ा जा चुका है। ऐसे में अस्पताल में संसाधन के मामले में तो व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। मगर इलाज की मेन कड़ी यानी डॉक्टरों की कमी बराबर बनी हुई है।
अस्पताल में सर्जन, फिजीशियन, हृदय रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट सहित आठ डॉक्टराें के पद रिक्त पड़े हुए हैं। हर रोज एक हजार से अधिक रोगियों का ओपीडी में पंजीकरण होता है। रोगियों की भीड़ का दबाव इस कदर डॉक्टरों पर हावी रहता है कि उनको चार घंटे में 200 से 250 रोगी देखने पड़ते हैं, जबकि एक डॉक्टर को अधिकतम 40 रोगी देखने का नियम है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एचके मित्रा ने बताया कि अस्पताल में एक बाल रोग विशेषज्ञ और एक फोरेंसिक एक्सपर्ट के रूप में दो डॉक्टरों को तैनाती हुई है।
इंसेट
शासन से प्राप्त बजट को अस्पताल में संसाधनों पर खर्च किया जाएगा। अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट में कुछ मशीनें कम थीं। उनकी पूर्ति होगी। नई सीटी स्कैन मशीन लगने से इसके बार-बार खराब होने की समस्या दूर होगी। बेड, ऑक्सीजन पाइपलाइन और अन्य मशीनों पर बजट खर्च होगा।
इन डॉक्टरों की कमी
-हृदय रोग विशेषज्ञ
-फिजीशियन
-रेडियोलॉजिस्ट
-सर्जन
-नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ
-हड्डी का डॉक्टर
बयान
दो नए डॉक्टर मिले हैं। इनमें बच्चों के एक डॉक्टर हैं। रिक्त पदों पर भी जल्द डॉक्टरों की नियुक्ति होने की उम्मीद है। इससे रोगियों को राहत मिलेगी।
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