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रामपुर। आचार संहिता के उल्लंघन के एक और मामले में पूर्व विधायक यूसुफ अली को बुधवार को कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। यूसुफ अली वर्तमान में भाजपा में हैं।
आचार संहिता के उल्लंघन का यह मामला कोतवाली क्षेत्र का है। 2012 में विधानसभा चुनाव में युसूफ अली बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। उन पर आरोप था कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके बैनर व पोस्टर चस्पा सरकारी भवनों व बिजली के खंभों पर लगे हुए थे, जिस पर कोतवाली में तैनात दरोगा जय प्रकाश त्यागी ने शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने मामले की तफ्तीश करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इस मुकदमे का फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कई सुबूत पेश किए, जबकि बचाव पक्ष की ओर से आरोपों को झूठा बताया गया। अधिवक्ता महबूब अली पाशा ने बताया कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने पूर्व विधायक युसूफ अली को बरी कर दिया।
सात मामलों में फैसला आना बाकी
पूर्व विधायक युसूफ अली के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में आचार संहिता उल्लंघन के 17 मामले दर्ज किए गए थे। उनमें से अब तक 10 मामलों में फैसला आ गया है, जिसमें कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। अभी सात मामलों में फैसला आना बाकी है।
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