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रामपुर।
जिले में दो-दो एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान होने के कारण यहां दूर-दूर से हॉकी खिलाड़ी आकर रहने लगे। खेल विभाग की उपेक्षा से जहां सींगनखेड़ा स्टेडियम बंद पड़ा है तो वहीं पनवड़िया स्थित मैदान खराब हो चुका है। इससे खिलाड़ी बमनपुरी स्थित घास के मैदान में हॉकी खेलने को मजबूर हैं। यहां छात्रावास में मुरादाबाद और आजमगढ़ से आए खिलाड़ी रह रहे हैं।
जिले में दो एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान होने के कारण उत्तर प्रदेश की अन्य जिलों के हॉकी खिलाड़ी भी यहां आए। पनवड़िया स्टेडियम में छात्रावास बना हुआ है। यहां पर 27 खिलाड़ी हैं जो कि प्रमुख रूप से इटावा, मुरादाबाद, वाराणसी और आजमगढ़ से आए हुए हैं। खिलाड़ियों को आस थी की एस्ट्रोटर्फ पर खेलकर वे अपनी हॉकी को निखारेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पनवड़िया का एस्ट्रोटर्फ खराब है, जबकि सींगनखेड़ा में ताले जड़े हुए हैं। जिससे खिलाड़ी शाम चार बजे बमनपुरी स्टेडियम जाकर घास के मैदान पर प्रैक्टिस करते हैं। खास बात यह है कि शहर के जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के मामला संज्ञान में है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो सका है।
क्या कहते हैं रामपुर के हॉकी खिलाड़ी
बमनपुरी में हॉकी की प्रैक्टिस करना वक्त को खराब करने जैसा है। यहां पर वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। दो-दो एस्ट्रोटर्फ वह भी खराब पड़े हुए हैं। -स्वाति, हॉकी खिलाड़ी
– एक खिलाड़ी का काम संघर्ष करना है, मगर सुविधाएं देना सरकार और विभाग का है, जब तक यह ढांचा सही नहीं होगा तब तक खेल में प्रतिभाओं के निकलने का सपना बेकार है। -मोनिका, हॉकी खिलाड़ी
– रामपुर का गौरव हॉकी है और हमारा राष्ट्रीय खेल भी है। हम हॉकी खेलते वक्त खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं, लेकिन व्यवस्थाओं से हार जाते हैं। एक भी एस्ट्रोटर्फ काम का नहीं है। कम से कम बंद स्टेडियम ही खुलवा दिया जाए। -रुपाली, हॉकी खिलाड़ी
– 75 करोड़ की लागत से बना सींगनखेड़ा स्टेडियम खराब कर दिया गया। यदि यहां पर खेल होते रहते तो इसकी देखरेख भी होती रहती और साफ-सफाई भी होती, लेकिन खिलाड़ियों के साथ अहित हुआ है। -दिव्या, हॉकी खिलाड़ी
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