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![Rampur News: आरओ ने नामंजूर कर दी थी नवेद मियां की आपत्ति, फिर गए थे हाईकोर्ट RO had rejected Naved Mian's objection](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2021/12/02/rampur_1638431627.jpeg?w=414&dpr=1.0)
रामपुर। 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन स्वार विधानसभा चुनाव के आरओ एवं वर्तमान में कन्नौज के एडीएम के पद पर तैनात गजेंद्र कुमार ने बसपा प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां की आपत्ति को खारिज करते हुए पर्चा बहाल कर दिया था। उस समय आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। इस चुनाव में अब्दुल्ला आजम रिकार्ड वोटों से जीत गए थे।
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां ने 2017 में पहली बार छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम को सियासी विरासत को बढ़ाने के लिए विधानसभा चुनाव में उतारा था। अब्दुल्ला को सपा ने स्वार सीट से सपा का प्रत्याशी घोषित किया था। चुनाव में उनका मुकाबला बसपा प्रत्याशी नवेद मियां से था। नामांकन दाखिल करने के बाद से ही नवेद मियां ने उनकी उम्र को लेकर सवाल उठाया था और नामांकन पत्र पर आरओ के समक्ष आपत्ति दाखिल की थी, जिसमें उनका तर्क था कि अब्दुल्ला आजम की उम्र कम है और वह चुनाव लड़ने योग्य नहीं है।
चुनाव लड़ने के लिए 25 साल की उम्र होनी चाहिए, लेकिन आरओ ने उस समय उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया था। इस चुनाव में अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़े ही नहीं, बल्कि रिकार्ड वोटों से जीते भी थे। इसके बाद नवेद मियां ने आरओ के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट की शरण ली। उनका कहना था कि अब्दुल्ला की उम्र चुनाव के समय पूरी नहीं थी और उनके द्वारा गलत दस्तावेज दाखिल किए गए, जिसमें उनकी उम्र अलग-अलग है। हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और फिर हाईकोर्ट ने नवेद मियां की याचिका स्वीकार करते हुए अब्दुल्ला के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब्दुल्ला की विधायकी चली गई थी। जन्म प्रमाणपत्र के फैसले में कोर्ट ने इस बात का भी उल्लेख किया है। साथ ही तत्कालीन आरओ व एडीएम कन्नौज गजेंद्र कुमार ने दस्तावेजों को साबित भी किया। इसके अलावा आयकर अधिकारी विजय कुमार ने भी अपने बयानों में अब्दुल्ला ने चुनाव के दौरान दो पैन कार्ड का इस्तेमाल किया। बाद में एक पैन कार्ड को सरेंडर भी किया। आयकर अधिकारी ने भी संपूर्ण दस्तावेजों व साक्ष्यों की तस्दीक की। अब्दुल्ला के वकीलों ने भी विस्तार से सवाल दागे जिसका गवाहों ने बखूबी जवाब दिया।
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