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केमरी (रामपुर)। बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक की महापंचायत में किसान नेताओं ने केमरी मिल द्वारा किसानों का पैसा हड़पने को लेकर रामपुर प्रशासन को जमकर कोसा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो किसान उग्र आंदाेलन करने को मजबूर होंगे।
महापंचायत में पहुंचे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कुर्मी हरिनाम सिंह वर्मा ने कहा कि हमारे संगठन के किसान पिछले दो माह से धरने पर बैठे हैं। रामपुर के प्रशासन ने आज तक कोई सुध नहीं ली है। जबकि, मामला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे, मगर रामपुर प्रशासन आंखें मूंदे पड़ा है। उन्होंने कहा कि शायद प्रशासन किसानों की ताकत को पहचानता नहीं है, इसलिए पिछले दो माह से केमरी की मिल पर बैठे पीड़ित किसानों और संगठन के लोगों की कोई सुध नहीं ली है। बल्कि, पिछले माह धरनास्थल पर संगठन के जिलाध्यक्ष द्वारा भूख हड़ताल की गई तो बिलासपुर उपजिलाधिकारी ने झूठा आश्वासन देकर भूख हड़ताल खत्म कराई थी कि 10 दिनों के अंदर मिल की नीलामी रद्द कराकर पुनः नीलामी प्रक्रिया कराकर पीड़ित किसानों का पैसा दिला दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ज़ब संगठन के राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारियों ने देखा कि रामपुर का प्रशासन अनदेखा कर रहा है, तब आज इस महापंचायत का फैसला लिया गया। प्रदेश युवा प्रदेश अध्यक्ष दिगम्बर सिंह ने मंच से रामपुर प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसानों की समस्या का समाधान आज नहीं होता है तो इस आंदोलन को बहुत बड़ा रूप दिया जाएगा। जिलाध्यक्ष अजय बाबू गंगवार ने कहा कि यहां मौजूद हर एक किसान और महिला किसान इस बात का प्रतिभागी बना है कि अगर हम किसान चाहे तो अपना पैसा लेकर ही हटते हैं। उन्होंने मौजूद किसानों से अपनी समस्या संगठन को बताने के लिए कहा। महा पंचायत में उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष सरदार सलविंदर सिंह, राष्ट्रीय उपाध्याय महेंद्र सिंह रंधावा, राष्ट्रीय सचिव उम्मेद सिंह, मण्डल अध्यक्ष अरुण सिंह राठी, शेरू गंगवार, हरिशंकर यादव, वीरेंद्र गंगवार, प्रेमपाल सिंह, अजीत सिंह, लक्ष्मी ठाकुर, ज्ञानपाल सिंह आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता मनजिंद्र सिंह तथा संचालन शादाब व सुरेंद्र खन्ना ने किया।
पंचायत में उठा अवैध खनन के आरोप में गलत जुर्माना लगाने का मुद्दा
महापंचायत में पहुंचे बिलासपुर क्षेत्र के एक किसान ने बताया कि कुछ माह पहले उसके अपने ही खेत से मिट्टी उठाने पर खनन अधिकारी द्वारा तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। किसान की बात सुनकर संगठन के प्रदेशाध्यक्ष हरिनाम सिंह मंच से ही प्रशासन पर भड़क उठे। उन्होंने कहा कि क्या रामपुर जिला उत्तर प्रदेश से बाहर का जिला है, जो यहां के अधिकारी किसानों का उत्पीड़न कर रहें हैं। उन्होंने मंच से वहां बैठे उपजिलाधिकारी को कहा कि इस किसान पर फर्जी तरीके से प्रशासन ने जुर्माना डाला है या तो वह जुर्माना वापस दिया जाए या फिर उस जुर्माना राशि को यहां का प्रशासन भुगतेगा। उपजिलाधिकारी ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सात सदस्यीय टीम सात दिन में जांच कर रिपोर्ट डीएम को देगी
केमरी की महापंचायत में बृहस्पतिवार की शाम करीब तीन बजे बिलासपुर उपजिलाधिकारी हिमांशु उपाध्याय पहुंचे और किसानों के साथ बैठकर बातचीत की। बातचीत के बाद उपजिलाधिकारी ने किसानों को बताया कि रामपुर जिलाधिकारी ने मिल प्रकरण की जांच के लिए सात सदस्यों की एक टीम गठित की है। कमेटी सात दिन के अंदर पूरे मामले की जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने बताया कि जांच टीम में दो पीड़ित किसान, क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक रामपुर, अग्रणी जिला प्रबंधक (जिला अग्रणी बैंक), उपजिलाधिकारी बिलासपुर, अपर जिलाधिकारी एवं मुख्य कोषाधिकारी रामपुर शामिल हैं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कुर्मी हरिनाम सिंह वर्मा ने कहा कि अगर सात दिन के अंदर मिल प्रकरण का हल प्रशासन ने नहीं निकाला तो आने वाली 21 नवम्बर को जिलाधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। वहां तब तक धरना जारी रहेगा ज़ब तक पीड़ित किसानों का पैसा वापस नहीं मिल जाता।
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