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![IPL: दो साल बाद सामने आया चहल का दर्द; RCB से बाहर होने पर बोले- उनके लिए आठ साल खेला, कुछ बताए बिना भगा दिया The pain of Chahal separated from RCB Said - I did not ask for anything, but I did not even get a call](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/03/29/750x506/yuzvendra-chahal_1648562710.jpeg?w=414&dpr=1.0)
युजवेंद्र चहल
– फोटो : सोशल मीडिया
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आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन से पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम ने अपने स्टार लेग स्पिनर युजवेन्द्र चहल को रिटेन नहीं करके सबको चौंका दिया था। आईपीएल इतिहास के सबसे सफल गेंदबाज चहल 2014 में टीम के साथ जुड़े थे और चिन्नास्वामी के छोटे मैदान पर भी अपनी फिरकी का जलवा दिखाया था। आरसीबी के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर उन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाई थी। हालांकि, आरसीबी से बाहर होने की बाद राजस्थान की टीम ने चहल पर दांव लगाया और अब वह राजस्थान के लिए कमाल कर रहे हैं। अब चहल आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बन चुके हैं।
आरसीबी से बाहर होने के दो साल बाद चहल ने अपना दर्द बयां किया है। चहल ने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि उन्हें बहुत बुरा लगा कि फ्रेंचाइजी ने उन्हें आठ साल के अंतराल के बाद जाने दिया, लेकिन उन्हें सबसे बुरी बात यह लगी कि उन्होंने फैसले के बारे में बताने के लिए उन्हें फोन तक नहीं किया।
चहल ने एक इंटरव्यू में कहा “मुझे निश्चित रूप से बहुत बुरा लगा। 2014 में मेरी यात्रा शुरू हुई। पहले मैच से, विराट कोहली ने मुझ पर भरोसा दिखाया। लेकिन, यह (फैसले पर) बुरा लग रहा है क्योंकि मैं आठ साल से फ्रेंचाइजी के लिए खेल रहा था। मैंने लोगों को यह कहते हुए सुना कि ‘यूजी ने बहुत सारे पैसे मांगे होंगे’ और ऐसी ही चीजें। इसीलिए मैंने स्पष्ट किया कि मैंने कुछ भी नहीं मांगा। मुझे पता है कि मैं कितना योग्य हूं। सबसे बुरी बात यह है कि मैंने कुछ नहीं मांगा फिर भी आरसीबी से एक तक फोन आया। उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं बताया।”
चहल ने खुलासा किया कि आरसीबी ने नीलामी में उनके लिए हर संभव कोशिश करने का वादा किया था, लेकिन फ्रेंचाइजी ने उनके लिए एक बार भी बोली नहीं लगाई। दिल्ली कैपिटल्स, मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच लड़ाई के बाद, संजू सैमसन की अगुवाई वाली टीम ने उन्हें 6.50 करोड़ रुपये में खरीदा।
चहल ने आगे कहा “मैंने आरसीबी के लिए लगभग 140 मैच खेले, लेकिन उन्होंने ठीक तरीके से मुझसे बात नहीं की। उन्होंने मुझसे वादा किया कि वे मेरे लिए हर संभव कोशिश करेंगे। मैं ठीक था। उसके बाद मुझे बहुत गुस्सा आया (यह देखकर कि आरसीबी ने उन्हें जाने दिया), मैं आठ साल तक उनके लिए खेला। चिन्नास्वामी स्टेडियम मेरा पसंदीदा है।”
आरसीबी के फैसले से निराश होने के बावजूद, चहल को लगता है कि जो हुआ वह वास्तव में अच्छा था क्योंकि राजस्थान में स्विच करने से उन्हें एक बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद मिली। उन्होंने कहा “जो कुछ भी होता है, अच्छे के लिए होता है। राजस्थान रॉयल्स में शामिल होने के बाद मेरे साथ एक अच्छी बात यह हुई कि मैं डेथ बॉलर बन गया। मैंने डेथ ओवरों में गेंदबाजी करना शुरू कर दिया। आरसीबी में मैं अधिकतम 16वां या 17वां ओवर फेंकता था। आरआर में, मैं एक डेथ बॉलर बन गया और मेरी क्रिकेटिंग ग्रोथ 5 से 10 प्रतिशत बढ़ गई। तभी मुझे एहसास हुआ कि जो कुछ भी होता है, अच्छे के लिए होता है। लोग कभी-कभी किसी टीम के लिए 10 साल तक खेलने के बाद नई टीमों में जाते हैं। ठीक है। एक पेशेवर क्रिकेटर के रूप में, आपको ऐसी चीजों से निपटना होगा।
उन्होंने बताया, “आरसीबी के साथ लगाव तो है लेकिन आरआर में आने से मेरे क्रिकेट को काफी मदद मिली है।”
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